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Tuesday 25 September 2018

पूर्व मेयर को एके47 से शूट करनेवाला गोविंद को मनु महाराज ने किया था गिरफ्तार

>> सीपीडीब्लूडी के टेंडर में अपने आका, शम्भू-मंटू के आदेश पर सभी को रहा था धमका

>> मुजफ्फरपुर में घटना को अंजाम देने के बाद पटना के शास्त्रीनगर में लेता हैं शरण ,ज्यादा बबाल हुआ तो हिमालय के पोंटा शाही

>> आका के आदेश पर दर्जनों हत्याएं, रंगदारी की घटनाओं को दे चुका हैं अंजाम

>> कुख्यात शम्भू का ठिकाना है हिमालय तो मंटू का लखनऊ में हैं आशियाना ,वहां से ही जारी करता हैं शटर डाउन करने का फरमान

रवीश कुमार मणि

पटना ( अ सं )  मुजफ्फरपुर के पूर्व मेयर समीर कुमार की हत्या की विरोध की आग पुरे सूबे में फैल चुका हैं ।हत्या का कारण भी स्पष्ट हो चुका हैं ,जमीनी विवाद ।समीर कुमार को शूट आउट करनेवाले दोनों कुख्यात ,सुजीत और गोविंद की पहचान हो चुकी हैं । सुजीत की तस्वीर मुजफ्फरपुर पुलिस को हाथ लग गयी हैं लेकिन गोविंद का साया से भी पुलिस दूर है और लगातार तलाश में जुटी हैं ,उस गोविंद को तेज तर्रार आईपीएस ,पटना  के एसएसपी मनु महाराज ने गिरफ्तार किया था। प्रयास किया जाये तो कुख्यात गोविंद की तस्वीर पुलिस को हाथ लग सकती हैं ।
         बीते वर्ष 2013 -14 की बात हैं ।सीपीडब्लूडी में टेंडर को लेकर भीड़ंत की खबरें थीं । सीपीडब्लूडी पर एकक्षत्र राज शम्भू-मंटू गिरोह के गुर्गे बड़ी संख्या में जुटे थे। आईपीएस मनु महाराज को सूचना मिली की टेंडर को लेकर लाशें गिर सकती हैं । मनु महाराज ने कार्रवाई की रणनीति बनाई और स्वयं छापेमारी करने निकल पड़े और कई थाने की पुलिस भी सक्रिय हो गयी । पुलिस टीम ने शम्भू-मंटू गिरोह के गोविंद को हथियार के साथ गिरफ्तार कर लिया । राजीव नगर थाना में गोविंद के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत एफआईआर हुआ । मन का इतना कठोर हैं गोविंद की तत्कालीन राजीव नगर थानाध्यक्ष धीरेन्द्र पांडे ,शम्भू-मंटू गिरोह के ठिकाने के बारे में पूछताछ के लिए कई कदम उठाये लेकिन गोविंद ने कोई जुबान तक नहीं खोला । गोविंद को बेऊर जेल भेज दिया गया ।
       शम्भू-मंटू गिरोह का गोविंद ब्रह्मास्त्र हैं ,जिसका निशाना अचूक हैं । जो भी टास्क दिया गया गोविंद ने उसे टारगेट किया । गोविंद के ऊपर हत्या ,गोलीबारी के दर्जनों मामले दर्ज हैं । गोविंद ज्यादा तर अंडर ग्राउंड रहता हैं ,जब घटना को अंजाम देना रहता है तभी वह सड़क पर आता हैं । मुजफ्फरपुर में घटनाओं को अंजाम देने के बाद गोविंद पटना के शास्त्रीनगर में शरण लेता हैं और जब ज्यादा सक्रियता से पुलिस खोजती है तो पटना से भागकर गोविंद हिमालय के पोंटाशाही चला जाता है।शम्भू का ठिकाना भी हिमालय के पोंटाशाही में ही हैं वहीं मंटू का आशियाना लखनऊ में हैं ।  दोनों ,अपने -अपने जगह पर रहकर गिरोह को संचालित कर रहें हैं । आज यह गिरोह जमीन के कारोबार में जोर-शोर से जुटा हैं ।

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