>> दीपावली के अवसर पर बच्चों के जिद ,और उन्हें खुश रखने के लिए ,उन बच्चों पटाखा छोड़ने वाले नकली बंदूक छोड़ा।
>> संत को बदनाम करना ,समाज को बदनाम करने के समान, गौ-रक्षा मेरे जीवन का उद्देश्य।
>> युवा संत समाज के छवि को धूमिल करने की हैं बड़ी साजिश ,जिन बड़े लोगों को मेरे साथ दिखाया जा रहा मैं उनके दिल में हूं और वह मेरे दिल में।
पटना ( अ सं ) । किसी भी धर्म के संत को बदनाम करना ,एक व्यक्ति नहीं बल्कि समाज को बदनाम करने के समान होता हैं। साधू ,संत की सुरक्षा के लिए समाज खड़ा रहता हो उसे शस्त्र की आवश्यकता नहीं होती। उक्त बातें स्नातन धर्म गुरू ,स्वामी प्रियम जी महाराज ने वायरल वीडियो के बाद “तरूण मित्र “से साझा किया हैं । स्वामी प्रियम जी ने कहां की सच्चाई जानने का सबको हक़ हैं ,जिस न्यूज पोर्टल द्वारा मेरे को फायरिंग करते हुये वीडियो में दिखाया गया हैं वह हकीकत से परे हैं । सच्चाई यह हैं की यह वीडियो तीन वर्ष पुरानी हैं । दीपावली के अवसर पर मैं ,यूपी में अपने एक भक्त के यहाँ रूका था, बच्चों ने जिद कर दिया की बाबा यह पटाखा छोड़ने वाली बंदूक हैं आप छोड़कर दिखाईएं। शुरू में मैं ,माना कर दिया । जब देखा की बच्चों का दिल टूट गया तो मैनें ,उन बच्चों का दिल रखने के लिए उनके नकली बंदूक से पटाखा छोड़ा । यह वही वीडियो हैं जिसे न्यूज पोर्टल पर दिखाया जा रहा हैं।
स्वामी प्रियम जी महाराज ने कहां की मेरे हर कार्यक्रम का भक्तों द्वारा तस्वीर लिया जाता हैं ।अत्याधुनिक युग में हमेशा भक्तों से जुड़ा रहूँ ,इसके लिए मेरे नाम का फेसबुक अकाउंट हैं । जिसमें कार्यक्रम की तस्वीरें डाला जाता हैं। जिन लोगों को वीडियो के माध्यम से दिखाया जा रहा वह मेरे दिल में बसते है और मैं उनके दिल में बसता हूं । मेरे जीवन का उद्देश्य हैं धर्म की रक्षा ,गौ-रक्षा ,समाज में शांति ,आपस में भाईचारा। इसके लिए मैं सदैव से तत्पर रहा हूं निरंतर कार्य में जुटा रहूंगा। मैं एक युवा ,ब्रह्मचारी संत हूं ,मेरी प्रतिभा से कुछ लोग विचलित हो रहें हैं । स्वामी प्रियम जी महाराज ने कहां की मेरी कुछ लोग छवि बदनाम करना चाह रहें हैं ,इसके लिए उन्होंने मीडिया को मोहरा बनाया हैं ।यह उचित नहीं ,मीडिया का इस्तेमाल सही मार्ग और समाज के विकास के लिए करना चाहिए
मालूम हो की न्यूज पोर्टल द्वारा बड़े राजनेताओं, पुलिस अधिकारियों ,नामचीन पत्रकारों के साथ स्वामी प्रियम जी तस्वीरें दिखाई गयी हैं ।
No comments:
Post a Comment