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Friday, 28 September 2018

सीसीटीवी नहीं होने पर अल्ट्रासाउंड सेंटर का रद्द होगा लाइसेंस

कानपुर। अस्पतालों के पास मिलने वाले भ्रूणों से कहीं न कहीं अल्ट्रासाउंड सेंटरों में गड़बड़ियां जरूर है। ऐसे में यह सुनिश्चित होना चाहिये कि जनपद का कोई भी अल्ट्रासाउंड सेंटर बिना सीसीटीवी के संचालित नहीं होगा। यही नहीं हर अल्ट्रासाउंड सेंटर में कम से कम दो माह तक की रिकार्डिंग जरूर हो। यह बातें शुक्रवार को जिलाधिकारी विजय विश्वास पंत ने स्वास्थ विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहीं।
जनपद में लिंगानुताप बढ़ाने और अस्पतालों के आस-पास मिलने वाले भ्रूणों को देखते हुए जिलाधिकारी ने स्वास्थ विभाग के आलाधिकारियों के साथ बैठक की। जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अशोक कुमार शुक्ला और नोडल अफसर को सख्त निर्देश दिए कि अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर प्रवेश व निकास द्वार के साथ ही निर्धारित कक्ष में सीसीटीवी कैमरे हर हाल में लगाये जाएं। जिस महिला का परीक्षण किया जाये, उसका नाम-पता व पति का नाम अवश्य दर्ज कर रिकॉर्ड में रखा जाये। सीसीटीवी का रिकॉर्ड दो माह तक डीवीआर में सुरक्षित रखा जाये।
जिलाधिकारी ने यह चेतावनी दी कि केवल बजट के खर्च की सलाह न दी जाये, बल्कि लिंगानुपात संतुलन कायम रखने की योजना प्रस्तुत की जाये। उन्होंने कहा कि 15 में से दो अल्ट्रासाउंड केंद्रों डॉ. निधि भटनागर तथा डॉ. प्रिया भार्गव के केंद्र का ही नवीनीकरण किया गया है। अन्य सभी केंद्रों का नोडल अधिकारी द्वारा जांच कर नवीनीकरण करके रिपोर्ट प्रस्तुत की जाये। फीमेल लिंगानुपात को बढ़ाने के लिए नोडल अधिकारी को हरियाणा भेजकर केस स्टडी करायी जाये।

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