लखीमपुर। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिला में डीएम की मानवता उस समय सामने निकल कर आई जब वह अपने कार्यालय में पीड़ितों की समस्याएं सुन रहे थे। दरअसल जिलाधिकारी के सामने दीन-हीन दशा में डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह के पास एक फरियादी पहुंचा। जब तक वह अपनी फरियाद डीएम को सुनाता तबतक डीएम पूरा माजरा समझ गए और उसे सीने से लगा लिया। अपने साथ घर ले गए और उसे नहलवाकर नये कपड़े पहनवाये। इसके बाद उन्होंने उसे भर पेट भोजन भी करवाया। इसके बाद उसकी फरियाद सुनकर अधिकारियों को निर्देश दिया। साथ ही एसडीएम मितौली को निर्देश दिया है कि वह कौन सा सेठ है, जिसने 11 महीने तक इस गरीब विजय से घर का, दुकान का सारा काम कराया और पगार जब देने की बारी आई तो उसे निकाल दिया। डीएम शैलेंद्र सिंह कहते हैं कि हमने कुछ अलग नहीं किया केवल मानवता का धर्म निभाया है।
अपनी गाड़ी में बिठाकर फरियादी को अपने आवास ले गए डीएम
जानकारी के मुताबिक, मंगलवार की दोपहर लखीमपुर खीरी के जिलाधिकारी अन्य फरियादियों के साथ पीड़ितों की समस्याएं कलेक्ट्रेट स्थित कार्यालय में सुन रहे थे। उसी वक्त बड़ी-बड़ी दाढ़ी, दुबला पतला एक युवक उनके ऑफिस में दाखिल हुआ। जिलाधिकारी शैलेंद्र सिंह को एक कागज का टुकड़ा बढ़ाते हुए उसने कहा कि हमें हमारे सेठ ने 11 महीने से पगार नहीं दी है। वह यह बात पूरी बोल भी नहीं पाया था कि ऐसा लगा कि उसकी जुबान ही पलट गई। यह देखकर डीएम ने आगे की बात समझने में कोई देर नहीं लगाई और उसे उसके वैसे ही वस्त्रों में सीने से लगा लिया। उसके बाद उसे अपनी गाड़ी में बिठाकर अपने आवास पर ले आए। डीएम शैलेंद्र सिंह ने चलते-चलते रास्ते में उससे यह भी पूछ लिया कि उसने कब से खाना नहीं खाया और कब से स्नान नहीं किया। उसने बताया कि डेढ़ महीने से वह नहीं नहाया है और भरपेट खाना कब खाया था यह उसे याद नहीं है। डीएम उसे अपने घर ले जाकर सबसे पहले उसे नहलाया, उसके बाद दुकान से नए कपड़े मंगवाए। उसे अपने ही आवास पर खाना खिलाया और उसकी जो संभव थी वह मदद भी की।
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