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Tuesday, 23 October 2018

शहीद जवान की अन्तिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब,आंसुओं के साथ दी अन्तिम विदाई

बक्सर घाट पर एसएसबी के जवानों ने शहीद विजय कुमार को दिया गार्ड आफ आनर

उन्नाव, बीघापुर।जैसे ही बैसवारा क्षेत्र के रावतपुर गांव की धरती पर कश्मीर में शहीद हुए एसएसबी जवान विजय कुमार का शव जवानों व्दारा लाया गया वैसे ही गावं क्षेत्र हजारों लोगो को हुजुम लग गया।जिसने जिसने शहीद विजय कुमार के शव को देखा तो अपने आसुओं को नहीं रोक पाया। एक तरफ शहीद की मां और पिता का मानो सब कुछ लुट गया हो तो वहीं शहीद की पत्नी का रो रो कर बुरा हाल था।

शहीद की अन्तिम विदाई में पहुंचे विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित,प्रभारी मंत्री रमापति शास्त्री,सदर विधायक पकंज गुप्ता, जिलाधिकारी देवेन्द्र कुमार पाण्डेय,पुलिस अधीक्षक हरीश कुमार,मुख्य विकास अधिकारी प्रेम रंजन सिंह,अपर जिलाधिकारी बी0एन0 यादव ,एसडीएम सदर पूजा अग्निहोत्री,प्रभारी निरीक्षक बीघापुर मो0 असरफ ने शहीद के परिजनों को आर्थिक मदद प्रदान करते हुए सान्त्वना प्रदान किया और कहा कि शहीद विजय कुमार की शहादत पर हम सबको गर्व है।

उन्नाव के लाल ने आतकिंयों से जमकर मुकाबला करते हुए अपनी जान गवा दी जिस पर फर्क महसूस करता हूं।शहीद विजय कुमार का बलिदान सदैव स्मरणीय रहेगा।इसी के साथ शहीद की बटालियन से आए जवानों और अधिकारियों के साथ मिलकर सभी लोगो ने शहीद विजय कुमार को कन्धा देते हुए बक्सर घाट ले गए।बक्सर घाट पर जवानों ने शहीद विजय को गार्ड आफ आनर देकर अन्तिम संस्कार किया।बताते चले कि शहीद विजय कुमार थानाक्षेत्र बीघापुर के अन्तर्गत रावत पुर निवासी था और एसएसबी में 42वी बटालियन में बतौर सिपाही तैनात था।

जम्मू कश्मीर में चुनाव कराने गए विजय कुमार की डयूटी कैम्प सुरक्षा में लगाई थी जहां पर आतकियों ने अचानक कैम्प पर हमला कर दिया था।कैम्प में मौजूद अपने अधिकारियों और साथियों को बचाने के लिए विजय कुमार ने खुद आतकियों से मुकाबला करते हुए शहीद हो गया लेकिन अपने साथियों और अधिकारियों का बाल बाकां नहीं होने दिया। उसने आतकियों पर ताबड तोड फायरिगं करते हुए उसने मुह तोड जबाव दिया लेकिन आतकिंयों से लडते लडते वह खुद शहीद हो गया था।

विजय कुमार की शादी डेढ़ वर्ष पूर्व हुइ थी और उसकी पत्नी के बच्चा भी होने वाला था।परिजनों की माने तो कश्मीर चुनाव कराने के बाद विजय कुमार दीपावली की छुटटी पर घर आने वाला था लेकिन सायद भगवान को यह मजूंर नहीं और और देश की रक्षा करते करते वह शहीद हो गया।

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