लखनऊ। राजधानी में बिगड़ी कानून-व्यवस्था को काबू करने के बजाय अपने आवासों में आराम फरमाने वाले थानेदारों की अब खैर नहीं है। रात्रि गस्त ड्यूटी में लापरवाही बरतने वाले अब सीधे पुलिस लाइन में बैठकर काम करें। जो काम बेहतर और ईमानदारी से करेगा उसी को थाने का इंचार्ज बनाया जायेगा। एसएसपी लखनऊ कलानिधि नैथानी ने शनिवार की देर रात लापरवाह थानेदारों की असलियत जानने के लिए खुद मोर्चा संभाला।
इंस्पेक्टर अलीगंज को पैदल थाने भेजा
एसएसपी बिना किसी को बताये देर रात करीब एक बजे शहर के थानों का औचक निरीक्षण करने निकल पड़े। इस दौरान कई चौकी इंचार्ज ड्यूटी से नदारद मिले। एसएसपी ने थाना अलीगंज, थाना महानगर और थाना हसनगंज के थाना प्रभारियों व थाने के समस्त निरीक्षक व उप निरीक्षक को कपूरथला चौराहे पर बुलाकर हाजिरी रजिस्टर चेक किया गया। इस दौरान थाना अलीगंज के कुछ उप निरीक्षक अनुपस्थित पाए गए। जिनके विरुद्ध गैर हाजिरी रपट अंकित की गई। इसके साथ ही थाना अलीगंज के प्रभारी निरीक्षक को अपने थाने के अधिकारियों को सूचित नहीं करने व शिथिल पर्यवेक्षण के चलते लाइन हाजिर कर दिया गया।
थानेदारों को सताने लगा कार्रवाई का डर
एसएसपी ने उन्हें पैदल ही अलीगंज थाने जाने का आदेश दिया। उनकी जगह एंटी डकैती सेल प्रभारी फरीद अहमद को अलीगंज इंस्पेक्टर नियुक्त किया गया है। फरीद अहमद ने राज भवन के पास हुए लूट कांड के खुलासे में अहम भूमिका निभायी थी। वहीं, अलीगंज थाने के एक सिपाही को दिवाली गिफ्ट के तौर पर दस हजार रुपए की मांग करने की शिकायत पर लाइन हाजिर कर दिया गया। इसकी शिकायत एसएसपी के बैचमेट ने की थी, जो कि अन्य जनपद में नियुक्त हैं। एसएसपी के तेवर देख अन्य थानेदारों में खलबली मची हुई है। थानेदारों को डर सता रहा है कि पता नहीं किस समय एसएसपी थाने पहुँच जाएं। एसएसपी की कार्रवाई से लखनऊ से अभी थानाध्यक्षों के होश उड़े हैं।
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