Bachpan Status | Childhood Status | WhatsApp | Facebook | Images | Pictures
*****
जिंदगी फिर कभी न मुस्कुराई बचपन की तरह, मैंने मिट्टी भी जमा की खिलौने भी लेकर देखे।
*****
याद आता है वो बीता बचपन, जब खुशियाँ छोटी होती थी। बाग़ में तितली को पकड़ खुश होना, तारे तोड़ने जितनी ख़ुशी देता था।
*****
देखो बचपन में तो बस शैतान था, मगर अब खूंखार बन गया हूँ।
*****
चले आओ कभी टूटी हुई चूड़ी के टुकड़े से, वो बचपन की तरह फिर से मोहब्बत नाप लेते हैं।
*****
उड़ने दो परिंदों को अभी शोख़ हवा में, फिर लौट के बचपन के ज़माने नहीं आते।
*****
हंसने की भी, वजह ढूँढनी पड़ती है अब, शायद मेरा बचपन, खत्म होने को है।
*****
किसने कहा नहीं आती वो बचपन वाली बारिश, तुम भूल गए हो शायद अब नाव बनानी कागज़ की।
Bachpan Shayari | Childhood Shayari | बचपन शायरी | Hindi Shayari
*****
ज्यादा कुछ नही बदलता उम्र बढने के साथ, बचपन की जिद समझौतों मे बदल जाती है।
*****
वो बचपन की नींद अब ख्वाब हो गई, क्या उमर थी कि, शाम हुई और सो गये।
*****
रोने की वजह भी न थी, न हंसने का बहाना था; क्यो हो गए हम इतने बडे, इससे अच्छा तो वो बचपन का जमाना था।
*****
कितने खुबसूरत हुआ करते थे बचपन के वो दिन, सिर्फ दो उंगलिया जुड़ने से दोस्ती फिर से शुरु हो जाया करती थी।
*****
आजकल आम भी पेड़ से खुद गिरके टूट जाया करते हैं, छुप छुप के इन्हें तोड़ने वाला अब बचपन नहीं रहा।
*****
तभी तो याद है हमे हर वक़्त बस बचपन का अंदाज, आज भी याद आता है बचपन का वो खिलखिलाना, दोस्तों से लड़ना, रूठना, मनाना।
*****
मुझे फिर से थमा दे ओ माँ, वही मेरे स्कूल का बैग; अब मुझे और नहीं सहा जाता, इस जिन्दगी का भारी बोझ।
*****
लगता है माँ बाप ने बचपन में खिलौने नहीं दिए, तभी तो पगली हमारे दिल से खेल गयी।
*****
मुखौटे बचपन में देखे थे, मेले में टंगे हुए, समझ बढ़ी तो देखा लोगों पे चढ़े हुए।
*****
फिर से बचपन लौट रहा है शायद, जब भी नाराज होता हूँ खाना छोड़ देता हूँ।
*****
बचपन में तो शामें भी हुआ करती थी, अब तो बस सुबह के बाद रात हो जाती है।
*****
चलो के आज बचपन का कोई खेल खेलें, बडी मुद्दत हुई बेवजाह हँसकर नही देखा।
*****
मै उसको छोड़ न पाया बुरी लतों की तरह, वो मेरे साथ है बचपन की आदतों की तरह।
*****
बचपन के दिन भी कितने अच्छे होते थे, तब दिल नहीं सिर्फ खिलौने टूटा करते थे। अब तो एक आंसू भी बर्दाश्त नहीं होता और बचपन में जी भरकर रोया करते थे।
*****
झूठ बोलते थे फिर भी कितने सच्चे थे हम, ये उन दिनों की बात है जब बच्चे थे हम।
*****
अजीब सौदागर है ये वक़्त भी जवानी का लालच दे के बचपन ले गया।
*****
कितना आसान था बचपन में सुलाना हम को, नींद आ जाती थी परियों की कहानी सुन कर।
*****
मोहल्ले में अब रहता है, पानी भी हरदम उदास; सुना है पानी में नाव चलाने वाले बच्चे अब बड़े हो गए।
*****
काग़ज़ की कश्ती थी पानी का किनारा था,
खेलने की मस्ती थी ये दिल अवारा था।
कहाँ आ गए इस समझदारी के दलदल में,
वो नादान बचपन भी कितना प्यारा था।
*****
बचपन में तो शामें भी हुआ करती थी, अब तो बस सुबह के बाद रात हो जाती है।
*****
बचपन भी कमाल का था खेलते खेलते चाहें छत पर सोयें या ज़मीन पर, आँख बिस्तर पर ही खुलती थी।
*****
दहशत गोली से नही दिमाग से होती है, और दिमाग तो हमारा बचपन से ही खराब है।
*****
बचपन में भरी दुपहरी नाप आते थे पूरा गाँव, जब से डिग्रियाँ समझ में आई, पाँव जलने लगे।
*****
ना कुछ पाने की आशा ना कुछ खोने का डर,
बस अपनी ही धुन, बस अपने सपनो का घर,
काश मिल जाए फिर मुझे वो बचपन का पहर।
*****
सुकून की बात मत कर ऐ दोस्त, बचपन वाला इतवार अब नहीं आता।
*****
खुदा अबके जो मेरी कहानी लिखना, बचपन में ही मर जाऊ ऐसी जिंदगानी लिखना।
*****
बचपन में जहां चाहा हंस लेते थे जहां चाहा रो लेते थे, पर अब मुस्कान को तमीज़ चाहिए और आंसूओं को तनहाई।
*****
कोई मुझको लौटा दे वो बचपन का सावन, वो कागज की कश्ती वो बारिश का पानी।
*****
देर तक हँसता रहा उन पर हमारा बचपना, जब तजुर्बे आए थे संजीदा बनाने के लिए।
*****
बचपन से हर शख्स याद करना सिखाता रहा, भूलते कैसे है ? बताया नही किसी ने।
*****
चले आओ कभी टूटी हुई चूड़ी के टुकड़े से, वो बचपन की तरह फिर से मोहब्बत नाप लेते हैं।
*****
लौटा देती ज़िन्दगी एक दिन नाराज़ होकर, काश मेरा बचपन भी कोई अवार्ड होता।
*****
यह भी पढ़े –
The post Bachpan Status | बचपन स्टेटस appeared first on AjabGjab.
No comments:
Post a Comment