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Thursday 20 December 2018

लोकसभा चुनावः अब राम ही नहीं, कृष्ण भी होंगे राजनीतिक समर का हिस्सा

मथुरा। लोकसभा चुनाव 2019 से पहले राजस्थान सरकार के मेवात विकास बोर्ड गठन का फैसाल राजनीतिक मुद्दा बन सकता है। यह मुद्दा राजस्थान, उत्तर प्रदश और हरियाणा की आधा दर्जन से अधिक लोकसभा सीटों पर असर डाल सकता है। ब्रज चैरासी कोस यात्रा और ब्रज क्षेत्र की संकल्पा का कुछ हिस्सा मेवात विकास बोर्ड की जद में आ रहा है। इसे ही हिंदूवादी संगठन ब्रज की पहचान से खिलवाड के रूप में देख रहे हैं और इसका तीखा विरोध भी शुरू हो गया है।
ब्रज के कई संत और संस्थाएं राजस्थान सरकार के इस फैसले का विरोध कर रही हैं। गुरूवार को ब्रजभूमि कल्याण परिषद ने बाकायदा राजस्थान सरकार के इस फैसले का विरोध करने का ऐलान कर दिया है। स्थानीय होटल में आयोजित प्रेसवार्ता में ब्रजभूमि कल्याण परिषद आरोप लगाया कि इस फैसले के बाद ब्रज चैरासी कोस यात्रा असुरक्षित हो जाएगी। यह मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति है। सरकार के इस फैसले से ब्रजभूमि को मेवात क्षेत्र की संज्ञा दी गई है। यह कृष्ण भक्तों के साथ धोखा है। ब्रजभूमि कल्याण परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पं.बिहारीलाल वशिष्ठ ने कहा कि हम ब्रज को मुस्लिम क्षेत्र घोषित किये जाने का डट कर विरोध करेंगे।

फैसला भाजपा का, दबाव कांग्रेस पर
मेवात विकास बोर्ड गठन का फैसला तत्कालीन भाजपा सरकार का था लेकिन अब दबाव कांग्रेस सराकर पर होगा। ये संगठन कांग्रेस की वर्तमान प्रदेश सरकार पर यह दबाव बनाएंगे कि वह इस फैसले को पलटे।

हिंदूवादी संगठन भी कर रहे विरोध
मुद्दे को हवा मिलने पर हिंदूवादी संगठन खुल कर इस फैसले को पलटने के लिए सडक पर उतर सकते हैं और विरोध कर सकते है, हालांकि अभी आंदोलन शुरूआती चरण में है लेकिन जिस तरह के संकेत मिल रहे हैं, उससे लोकसभा चुनाव के दौरान इस मुद्दे को हवा दी जा सकती है।

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