राजधानी लखनऊ में भीषण आग: पांच लोगों की जिंदा जलकर मौत, खाली हाथ पहुंचे दमकम कर्मी | Alienture हिन्दी

Breaking

Post Top Ad

X

Post Top Ad

Recommended Post Slide Out For Blogger

Tuesday 30 April 2019

राजधानी लखनऊ में भीषण आग: पांच लोगों की जिंदा जलकर मौत, खाली हाथ पहुंचे दमकम कर्मी

लखनऊ। राजधानी लखनऊ के इंदिरानगर थाना क्षेत्र में मंगलवार देर रात गैस चूल्हे के गोदाम में भीषण आग लगने से हड़कंप मच गया। धुंआ और आग की लपटें उठते देख मौके पर मौजूद लोग शोर मचाकर भागने लगे। आनन-फानन में लोगों ने इसकी सूचना अग्निशमन विभाग और पुलिस को दी गई। लेकिन दमकल की गाड़ी करीब आधा घंटा लेट मौके पर खाली हाथ पहुंची। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस और दमकल कर्मी आग बुझाने में जुटे रहे। आग लगने से एक 6 माह की मासूम सहित 5 लोगों की जिंदा जलकर मौत हो गई। करीब 4 घंटे की मशक्कत के बाद दमकल की 12 गाड़ियों ने आग को बुझाया। लेकिन तब तक काफी सामान जलकर राख हो चुका था। पुलिस ने मृतकों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। प्रथम दृष्टया आग लगने का कारण शार्ट सर्किट बताया जा रहा है। मौके पर घंटों अफरा-तफरी का माहौल बना रहा, पुलिस मामले की पड़ताल में जुटी है। इस हादसे से क्षेत्र में हाहाकार मचा हुआ है।
 
पूरे मकान को गोदाम बना रखा है गोदाम  
जानकारी के अनुसार, घटना इंदिरानगर थाना क्षेत्र की है। यहां मूलरूप से प्रतापगढ़ के पट्टी के रहने वाले टीएन सिंह का पूरे यूपी में गैस चूल्हा की आपूर्ति का काम है। उन्होंने इंदिरानगर के मायावती कॉलोनी के पास राम विहार फेज 2 में एक घर में  पूरे मकान को गोदाम बना रखा है। टीआर सिंह के घर के एसी में रात करीब 1: 30 बजे शार्ट सर्किट से आग लग गई। जिस समय घर की दूसरी मंजिल पर आग लगी उस समय टीआर सिंह के बेटे सुमित सिंह (31), सुमित की पत्नी जूली सिंह (28), उनकी छह माह की बेटी बेबी, सुमित सिंह की बहन वंदना (22) और टीआर सिंह का भांजा डब्ल्यू सिंह (48) घर में थे। हादसे के वक्त मालिक टीएन सिंह घर बाहर गया हुआ था। आग लगने की सूचना रात 2:40 बजे दमकल विभाग को दी गई। करीब 45 मिनट बाद मौके पर राहत कार्य शुरु हुआ था। आग को काबू करने के लिए घटना स्थल पर 12 दमकल की गाड़ियां पहुंची।
जेसीबी से घर को तोड़ कर शुरू हुआ राहत कार्य
इस घटना के स्थानीय लोगों ने हंगामा करना शुरू कर दिया है। मौके पर भीड़ अधिक होने के कारण पुलिस ने लोगों को खदेड़ कर भगाया। वहीं दमकल विभाग ने कई जगह से जेसीबी से घर को तोड़ कर राहत कार्य शुरु किया है। बताया जा रहा है कि सभी की मौत दम घुटने से हुई है। जिस घर में आग लगी उसमें गैस चूल्हे का गोदाम भी था। जहां रबर की पाइप और गैस लाइटर भी था। रबर के कारण आग तेजी से बढ़ी।
 
खाली हाथ मौके पर एक घंटे बाद पहुंचे दमकलकर्मी
वहीं, स्थानीय लोगों के मुताबिक कई बार फोन करने के बावजूद एंबुलेंस, फायर सर्विस और पुलिस को मौके पर पहुंचने में डेढ़ से दो घंटे लग गए। स्थानीय युवक अनुज सिंह ने बताया कि अग्निशमन वालों के पास टार्च जैसे उपकरण नहीं थे। किसी तरह इंतजाम किया तो वह भीतर जाने को तैयार नहीं थे। पुलिस भी मूकदर्शक बनी रही। स्थानीय युवक चादर ओढ़कर भीतर घुसे थे। तब जाकर चार लोगों को दो घंटे बाद ढूंढकर बाहर निकाला जा सका। दमकलकर्मी बिना उपकरण के आए थे तो स्थानीय लोगों की मदद से चार को करीब दो घंटे की जेद्दोजेहद के बाद निकालकर लोहिया अस्पताल भेजा गया। जबकि एक युवती का शव घर के बाथरूम में छह घंटे बाद बरामद हो सका।
 
बिजली की आपूर्ति बंद कराकर शुरू हुआ आग बुझाने का काम   
स्थानीय लोगों के अनुसार, बिजली की आपूर्ति बंद कराकर आग बुझाने का काम शुरू किया गया। स्थानीय लोगों की मदद से सुबह चार बजे सुमित सिंह, जूली सिंह, बेबी और डब्ल्यू सिंह को बाहर निकाला गया। उनको तुरंत लोहिया अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उनको मृत घोषित कर दिया। वहीं घर में पीछे से जेसीबी की मदद से बड़ा छेद करके दमकलकर्मी भीतर घुसे। छह घंटे बाद घर के बाथरूम से वंदना का शव भी बरामद किया गया।
 
धुएं से दम घुटने से हुई सभी की मौत 
रात को 12:30 से एक बजे के बीच दो बार क्षेत्र की बिजली गई। इसके बाद शार्ट सर्किट से घर में आग लग गई। बताया जाता है कि जिस समय आग लगी उस समय परिवार बालकनी में था। उनकी मौत जलकर नहीं बल्कि आग के बाद निकले धुएं के कारण दम घुंटने की बात डॉक्टरों ने बतायी। 
 
प्रतापगढ़ से दो साल पहले आया था परिवार
टीआर सिंह के बेटे सुमित सिंह की शादी दो साल पहले ही हुई थी। पूरा परिवार प्रतापगढ़ में रहता था। लखनऊ में इंदिरानगर में उनकी गैस चूल्हा और उपकरण की दुकान है। जबकि घर के भूतल पर इसका पूरा गोदाम है। सुमित शादी के बाद पूरे परिवार सहित लखनऊ आ गए थे। 
 
उठाने के लिए करते रहे मोबाइल फोन
टीआर सिंह के घर के सामने रहने वाले मायाराम यादव रात डेढ़ बजे पानी पीने के लिए उठे थे। उन्होंने आग की लपटें उठती हुई देखी। तुरंत बेटे मनीष और पत्नी को जगाया। सुमित को बाहर से बहुत आवाज लगायी। उनका मोबाइल फोन कई बार लगाया। लेकिन फोन नहीं उठा। बाहर से पत्थर घर पर बरसाए गए। तब भी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी। 
 
पूरी कॉलोनी में फैला तारों का मकडज़ाल 
जिस कालोनी में आग लगी। वहां के पूरे इलाके में लोहे के खंभे आज भी लगे हुए हैं। वहां एबीसी की जगह उनपर तारों का मकडज़ाल बना हुआ है। बताया जा रहा है कि क्षेत्र में कुछ लोग बिजली की चोरी भी करते हैं। वह लोग भारी उपकरण इस्तेमाल करते हैं जिससे क्षेत्र के तार ओवरलोड हैं। आए दिन ओवरलोड होने से बिजली कट जाती है। जबकि बारिश के समय घरों में करंट भी उतर आता है।  
 
इन युवकों ने लगायी जान की बाजी
क्षेत्र के युवक रिषभ सिंह राठौर और अनुज सिंह ने जान की परवाह किए बिना सुमित और उनके परिवार को बचाने का बहुत प्रयास किया। उनके साथ मायाराम यादव और क्षेत्र के अन्य लोग भी प्रयास करते रहे। 
 
बिजली बंद होने से नहीं चल सके क्षेत्र की सबमर्सिबल पम्प
हादसे के बाद क्षेत्र में बिजली की आपूर्ति बंद कर दी गई। इस कारण लोगों के घरों में लगे सबमर्सिबल पम्प भी नहीं चल सके। ऐसे में फायर सर्विस के आने का वह इंतजार करते रहे। एक गाड़ी आयी ही थी कि कुछ देर में उसका पानी खत्म हो गया।
 
क्या कहते हैं फायर अधिकारी
मौके पर फायर अधिकारी विजय कुमार ने बताया कि सुबह 2:40 बजे की आग की सूचना मिली थी। जिसके बाद से ही आग पर काबू पाने के लिए हजरतगंज, इंदिरानगर, गोमती नगर थाना क्षेत्रों से फायर ब्रिगेड की दर्जनों गाड़ियां मंगाई गई। जिससे आग पर काबू पाया जा सका। वहीं उन्होंने बताया कि राहत बचाव कार्य में लोगों को निकाल कर सिविल अस्पताल पहुंचाया गया। साथ ही उन्होंने बताया कि छोटे गैस सिलेंडर और चूल्हे का गोदाम बना हुआ था जो कमर्शियल नहीं था घर के अंदर चल रहा था। वहां पर आग लगी थी जिससे यह बड़ा दर्दनाक हादसा हुआ है।

No comments:

Post a Comment

Post Top Ad