लखनऊ। डी कंपनी को ठगने वाले जिस इंटरनैशनल जालसाज प्रमोद कुमार जैन उर्फ प्रकाश मूल चंद छाबड़ा को गुवाहाटी सीबीआई गिरफ्तार करके ले गई उसे गुडम्बा पुलिस का संरक्षण मिला हुआ था। कल्याणपुर निवासी महिला का मकान उसने फर्जीवाड़ा करके रजिस्ट्री करवा लिया था। इसी रजिस्ट्री को गिरवी रखकर उसने बैंक से 58 लाख रुपये का लोन भी ले लिया था। काफी दबाव के बाद गुडम्बा थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई तो पुलिस पीड़िता पर समझौता करने का दबाव बनाने लगी।
कल्याणपुर निवासी अर्चना सहाय के मुताबिक उन्होंने अपना मकान बेचने के लिए प्रॉपर्टी डीलर कैसरबाग निवासी शेख उर्फी और गुडम्बा निवासी श्यामजी त्रिपाठी से संपर्क किया था। दोनों प्रमोद कुमार जैन के लिए काम करते थे। इसकी जानकारी उन्हें उसकी गिरफ्तारी के बाद हुई। अर्चना ने बताया कि नवंबर 2018 में दोनों खरीदार को दिखाने के लिए मकान के मूल बैनामे की कॉफी और उनका आधार कार्ड ले गए थे। कई दिनों तक कागजात वापस नहीं किए तो शक होने पर छानबीन की। तब पता चला कि दोनों प्रॉपर्टी डीलरों ने उनकी जगह दूसरी महिला को खड़ा करके मकान की रजिस्ट्री विभूतिखंड के ओमेक्स हाइट्स टॉवर निवासी प्रकाश मूल चंद छाबड़ा उर्फ प्रमोद कुमार जैन के नाम कर दी है।
अर्चना शिकायत लेकर गुडम्बा थाने पर पहुंचीं तो आरोपितों का नाम सुनकर ही पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करने से इनकार कर दिया। कई दिनों तक चक्कर काटने के बाद आईजी के हस्तक्षेप में रिपोर्ट दर्ज की गई, लेकिन कार्रवाई में टालमटोल होती रही। पुलिस ने अर्चना पर ही समझौते का दबाव बनाना शुरू कर दिया। सुलह के लिए दोनों पक्षों को बुलाया गया। रजिस्ट्री वापस करने की बात पर प्रमोद ने बताया कि उनके मकान का पेपर गिरवी रखकर उसने किसी बैंक से 58 लाख रुपये लोन ले लिया है।
अर्चना का कहना है कि उसी वक्त पुलिस चाहती को इतने बड़े जालसाज को गिरफ्तार कर सकती थी। सीबीआई उसे पकड़कर ले गई, लेकिन अब तक पुलिस उसके लिए काम करने वाले शेख उर्फी और श्यामजी त्रिपाठी के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है। केस की विवेचना कर रहे दरोगा शैलेश वर्मा का कहना है कि छाबड़ा ने अर्चना की रजिस्ट्री वापस करने के लिए सप्ताहभर का समय मांगा था। उसकी गिरफ्तारी हो गई, अब शेख उर्फी और श्यामजी को पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
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