आजमगढ़। लालगंज और अाजमगढ़ लोकसभा सीट बुधवार दोपहर बाद 2.15 बजे सपा मुखिया अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे। मुलायम सिंह यादव के स्थान पर इस बार सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव स्वयं चुनावी मैदान में हैं। आजमगढ़ से भाजपा के प्रत्याशी दिनेश लाल यादव निरहुआ चुनावी मैदान में सपा प्रमुख के लिए चुनौती पेश कर रहे हैं। वहीं जिले की दूसरी लोकसभा सीट लालगंज की गठबंधन प्रत्याशी संगीता आजाद भी चुनावी मैदान में हैं।
आजमगढ़ लोकसभा सीट पर बसपा मुखिया मायावती ने जनसभा को संबोधित करते हुए बसपा की महिला प्रत्याशी संगीता आजाद को जिताने की अपील की। कहा कि आजमगढ सदर लोकसभा सीट से फूट डालो राज करो की नीति के तहत निरहुआ को प्रत्याशी बनाया है। मुझे अपने कार्यकर्ताओं पर भरोसा है कि आप सभी अखिलेश यादव को यहां से जिताएंगे। प्रदेश में पांच चरणों के वोट पड चुके हैं। जिसकी अच्छी रिपोर्ट गठबंधन के पक्ष में मिल रही है। इस बार चुनाव में यहां हमारे लोग नमो नमो की छुटटी करेंगे।
भाजपा पर लगाया आरोप : भाजपा को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि संस्कृति और सभ्यता पर तंज कस रहे हैं। सपा बसपा गठबंधन से सदियों से उपेक्षितों को न्याय का मौका मिलेगा। यहां दलितों व पिछडों को नौकरी में जो अधिकार मिले हैं वह डा. आंबेडकर की है। आंबेडकर के प्रयासों से लोगों को कानूनी अधिकार मिले हैं लेकिन इसका पूरा लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है। पहली सरकार कांग्रेस सरकार की बनी तो बाबा आंबेडकर कानून मंत्री बने थे। उसी समय उन्होंने लाभ लोगों को न मिलने की बात उठाई थी।
बहुजन समाजपार्टी का गठन होने के बाद पार्टी लगातार दलितों आदिवासियों और पिछडों को लाभ दिलाने का प्रयास किया है। कांशी राम ने मंडल कमीशन की रिपोर्ट लागू करानी चाही मगर कांग्रेस ने सहयोग नहीं किया। हमें इसके लिए धरना प्रदर्शन करना पड़ा। 1989 में वीपी सिंह के नेतृत्व में सरकार बनी थी। भाजपा भी शामिल थी मगर बाहर से समर्थन दे रही थी। उस समय तीन सांसद पार्टी की ओर से थे। उस समय वीपी सिंह चाहते थे कि हम सरकार में शामिल हो जाए लेकिन हमारी शर्तें थीं। बाबा आंबेडकर ने देश का संविधान बनाया था लिहाजा भारत रत्न की उपाधि मांगी थी। दूसरी मांग थी पिछडे वर्ग के लिए मंडल कमीशन की रिपोर्ट लागू हो तो हम समर्थन करने को तैयार हैं। लेकिन भाजपा ने आरक्षण विरोधी मोर्चा बनाकर इसका विरोध कराया और वीपी सिंह की सरकार गिरा दी। आज अल्पसंख्यक सुरक्षित हैं जो बाबा साहेब की वजह से। बाबा आंबेडकर ने गरीबों मजदूरों के लिए संविधान में व्यवस्था की है। लेकिन पूंजीवादी लोग तैयार नहीं है लेकिन समाजवादी पार्टी के साथ आने से काम आसान हो जाएगा। इसी सोच के साथ तीन दलों का गठबंधन हुआ है। इससे भाजपा की नींद उठ गई है।
पीएम ने गुजरात में ही अगड़ी जाति को ही पिछड़ी जाति में शामिल कर लिया है। सामाजिक महापरिवर्तन का गठबंधन किसी और राज्य में न बन जाए उससे भाजपा चिंतित है। राज्य में जो सरकार चल रही है उसमें भाई चारा का गठबंधन किया था उस समय कांग्रेस व बीजेपी की नींद उड़ गई थी। इसे तोडऩे के लिए भाजपा ने हथकंडे प्रयोग किए। पूर्वांचल के लिए आजमगढ़ बड़ा केंद्र है।
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