नई दिल्ली: भारतीय सेना ने दुश्मन के हवाई हमलों को नाकाम करने के लिए जम्मू और कश्मीर, पंजाब, गुजरात और राजस्थान में तैनात अपनी एयर डिफेंस यूनिट्स को पाकिस्तान की सीमा के निकट स्थित स्थानों पर ले जाने का फैसला किया है। खबरों के मुताबिक, नियंत्रण रेखा के पार जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी शिविरों को निशाना बनाकर बालाकोट में भारतीय वायु सेना द्वारा की गई एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान के साथ हालिया संघर्ष की आंतरिक समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया गया है।
मिडिया इनपुट के अनुसार, एक शीर्ष सेना सूत्र ने बताया, इन वायु रक्षा इकाइयों को सीमा के करीब तैनात करने के साथ हम दुश्मन की ओर से किसी भी संभावित हवाई हमले से निपटने में सक्षम होंगे और इसे सीमा के करीब ही रोक देंगे।
सेना की वायु रक्षा इकाई वर्तमान में लेफ्टिनेंट जनरल एपी सिंह के नेतृत्व में कोर ऑफ आर्मी एयर डिफेंस (AAD) के तहत आती है। इसकी हथियार प्रणालियों में डीआरडी-इजराइल संयुक्त उद्यम एमआर-एसएएम, स्वदेशी आकाश वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली, बोफोर्स 40 मिमी बंदूक, और अन्य पुरानी पीढ़ी के हथियार सिस्टम जैसे एस-125 नेवा/पिकोरा, 2K22 तुंगुस्का और अन्य शामिल हैं।
एक रिपोर्ट सामने आई है कि सीमा के समीप सामरिक रूप से महत्वपूर्ण शकरगढ़ सेक्टर में करीब 300 पाकिस्तानी टैंक अभी भी तैनात हैं। एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने पीओके के समीप सीमा पर अपनी सेना की मौजूदगी बढ़ा दी थी। हालांकि, कुछ समय बाद उसने इस तैनाती में कटौती की लेकिन अभी भी 124 आर्मर्ड ब्रिगेड, 125 आर्मर्ड ब्रिगेड एवं 8 और 15 डिवीजन की सीमा से वापसी नहीं हुई है।
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