_ बांध निर्माण के लिए जमीन न देने वाले किसानों से मिले डीएम, मांगा सहयोग
_ एसडीएम को एक सप्ताह में समाधान निकालने के दिए निर्देश
गोण्डा। चुनाव कार्य समाप्त होते ही बुधवार को जिलाधिकारी डा0 नितिन बंसल तहसील करनैलगंज स्थित एलिग्न चरसड़ी बन्धे का निरीक्षण करने ग्राम नकहरा पहुंच गए। वहां पर उन्होंने निर्माणाधीन स्थाई का निरीक्षण किया और एक्सईएन बाढ़ खण्ड से निर्माण कार्य प्रगति की पूरी जानकारी ली और किसानों से बात की।
बताते चलें कि विगत वर्ष बाढ़ में कटने के कारण किलोमीटर 9 से 15 तक पुराना बांध कट गया था जिससे कई गांव में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। शासन द्वारा बंधे के निर्माण व मरम्मत के लिए 97.35 करोड़ रूपए की धनराशि उपलब्ध कराई थी जिसके क्रम में 4.8 किलोमीटर नए स्थाई बंधे का निर्माण कार्य पिछले साल शुरू कराया गया था। डीएम ने जानकारी ली तो एक्सईएन बाढ़़ खण्ड विश्वनाथ शुक्ला द्वारा बताया कि नए बनने वाले बंधे में 7 स्पर, 02 कट इन बनने थे जिसमें से दो किलोमीटर बोल्डर पिचिंग का कार्य और 2.8 किलोमीटर कच्चे बंधे का निर्माण होना था जिसके सापेक्ष अब तक 3 किलोमीटर बांध का निर्माण कार्य पूरा कराया जा चुका है। शेष 1.8 किलोमीटर में से 600 मीटर लम्बे बांध पर निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है और मात्र 1200 मीटर लम्बाई क्षेत्र में नकहरा गांव के 34 किसानों द्वारा बांध निर्माण के लिए जमीन नहीं दी जा रही है जिसके कारण बांध बनाने का काम रूका हुआ है। उन्होंने बताया कि कुल 25 गाटा नम्बरों की लगभग सवा दो हेक्टेयर जमीन का मामला है जो कि किसान देने से मना कर रहे हैं। डीएम ने ग्रामीणों से उनकी समस्याएं व कारण पूछा तो उन लोगों द्वारा जमीन देने से इन्कार करते हुए कहा गया कि बंधे का नक्शा बदला दिया जाय तो ही वे जमीन देगें। इस पर एक्सईएन द्वारा एकदम स्पष्ट किया गया कि बंधे का नक्शा कतई नहीं बदला जा सकता है क्योकि नक्शा भारत सरकार की तकनीकी टीम द्वारा स्वीकृत है जिसमें किसी भी दशा में परिवर्तन सम्भव नहीं है। हांलाकि जिला प्रशासन द्वारा किसानों की जमीन न देने की दशा में भूमि अधिग्रहण अधिनियम के तहत जमीन को अधिग्रहीत करने के लिए भूमि अध्याप्ति अधिकारी को भी लिखित में भेजा जा चुका है। उन्होने बताया कि अब तक कुल बजट के सापेक्ष 95 प्रतिशत कार्य पूर्ण कराया जा चुका है जिसके सापेक्ष 80 प्रतिशत भुगतान भी किया जा चुका है। जिलाधिकारी डॉ नितिन बंसल ने बाढ़ खंड एवं उपजिलाधिकारी की संयुक्त टीम को लगाकर समस्या का निराकरण कराने के साथ-साथ ग्रामीणों से जमीन लेकर बांध का निर्माण पूरा कराने के लिए प्रयास तेज करने के निर्देश दिये।
जिलाधिकारी ने ग्रामीणों से कहा कि बाढ़ जैसी आपदा को रोकने के लिए हर संभव प्रशासन का सहयोग करें जिससे जिले को बाढ़ ग्रस्त होने से बचाया जा सके। एसडीएम रमाकांत वर्मा ने बताया की ग्रामीणों से बातचीत की जा रही है और किसानों को जमीन देने के लिए हर संभव मनाने का काम चल रहा है। जबकि यदि शेरू किसानों द्वारा जमीन न दिए जाने की दशा में भूमि अधिग्रहण अधिनियम के तहत जमीन अधिगृहीत कर ली जाएगी और हर हाल में जनहित को सर्वोपरि रखते हुएबचे हुए बंधे का निर्माण कार्य पूरा कराया जाएगा। अब तक 299 किसानों द्वारा 18 हेक्टेयर से अधिक जमीन बांध निर्माण के लिए दी जा चुकी है।
इस मौके पर एसडीएम रमाकान्त वर्मा, बाढ़ खंड के एक्सईएन विश्वनाथ शुक्ला, एई अमरेश सिंह, नायब तहसीलदार एसपी तिवारी सहित तमाम ग्रामीण मौजूद रहे
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