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Wednesday 15 May 2019

कठिन से कठिन कार्य को करना है पूरा तो,गणपति के इन बीज मंत्रों का जाप

पूजा करने वाले अपनी मनोकामनाओं के अनुसार ही उनकी विभिन्न रंगों की प्रतिमा रख कर पूजा करते हैं। जी हां भगवान गणपति को कई वर्णों में पूजा जाता है। केसरिया, हरा, श्वेत और नील वर्ण। मुख्यत: इन चार वर्णों में भगवान को पूजने के पीछे अपनी-अपनी मनोकामनाएं होती हैं। हालांकि सर्वसुलभ और सर्वत्र पूजनीय गणपति जी का केसरिया वर्ण ही होता है। इसके बाद हरा और और श्वेत वर्ण होता है। नील वर्ण के गणपति का पूजन केवल तांत्रिक या तांत्रिक क्रियाओं वाले लोग ही करते हैं।

श्वेत और हरे रंग के गणपति की पूजा गृहस्थ और साधु संयासी भी करते हैं। इन वर्ण की पूजा शांति और संतुष्टी के लिए किया जाता है। विघ्नहर्ता गणपति जी की पूजा-अर्चना बुधवार के दिन करना विशेष फलदायी होता है क्योंकि ये उनका ही दिन होता है। इस दिन विधिवत पूजन-अर्चन के बाद अगर मन की कामनाओं के अनुसार मंत्र का जाप किया जाए तो वह जरूर पूरा होता है। तो आइए आज गणपति जी के इन्हीं बीज मंत्रों को जानें।

विघ्न-बाधा और शत्रु से जीत के लिए आप हरिद्रा गणपति जी की पूजा करें और उसके बाद इस मंत्र का जाप करें।
।।गणपति जी का बीज मंत्र ‘गं’ है।।

आर्थिक तंगी और बढ़ते कर्ज से मुक्ति के लिए हरे रंग वाले गणपति की पूजा करें और ये मंत्र जाप करें।
ॐ वक्रतुंडाय हुम्।

समृद्धि और विविध मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए आप केसरिया गणपति को पूजें और ये मंत्र जाप करें।
।।ॐ हस्ति पिशाचिनी लिखे स्वाहा।।

घर में होने वाले कलह, अशांति, तनाव और आलस्य दूर करने के लिए श्वेत वर्ण वाले गणपति की पूजा करें और इस मंत्र को जपें ।
।।गं क्षिप्रप्रसादनाय नम: ।।

अगर आत्मविश्वास की कमी हो या आत्मबल टूट गया हो तो इस मंत्र का जाप श्वेत गणपति की पूजा के बाद करें।
।।ॐ गं नमः।।

बेरोजगारी हो या नौकरी पर संकट हो तो आप केसरिया गणपति की पूजा कर इस मंत्र का जाप करें
।।ॐ श्रीं सौम्याय सौभाग्याय गं गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानाय स्वाहा।

विवाह में देरी हो रही हो या बाधाएं आ रही हो तो केसरिया गणपति की पूजा त्रैलोक्य मोहन गणेश मंत्र का जप करना चाहिए।
।।ॐ वक्रतुण्डैक दंष्ट्राय क्लीं ह्रीं श्रीं गं गणपते वर वरद सर्वजनं मे वशमानाय स्वाहा।।

इन मंत्रों के साथ ही अगर आप गणपति अथर्वशीर्ष, संकटनाशन गणेश स्तोत्र, गणेशकवच, संतान गणपति स्तोत्र, ऋणहर्ता गणपति स्तोत्र, मयूरेश स्तोत्र, गणेश चालीसा का भी पाठ करें तो आपकी मनोकाना पूरी होने से कोई नहीं रोक सकेगा। मन में विश्वास और श्रद्धा के साथ पाठ करें।

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