अलीगढ। जिस शख्स का वेतन सात हजार रुपये मासिक है, उसे आयकर विभाग ने डेढ़ करोड़ का नोटिस जारी किया है। विभाग ने वर्ष 2012-13 में करोड़ों रुपये की संपत्ति बेचना दर्शाया है। पीड़ित अब आयकर विभाग सहित तमाम प्रशासनिक कार्यालयों के चक्कर लगा रहा है।
उत्तर प्रदेशे के अलीगढ जिले के सारसौल निवासी चेतराम तालानगरी में एक हार्डवेयर दुकान पर काम करते हैं। परिवार में पत्नी व तीन बच्चे हैं। उनकी नौकरी के अलावा परिवार की आय का अतिरिक्त कोई साधन नहीं है। बीते दिनों चेतराम को डाक के जरिए एक नोटिस मिला। नोटिस वार्ड-14 के आयकर अधिकारी एके राघव की ओर से जारी किया गया है। इसमें लिखा है कि वर्ष 2012-13 के दौरान किए गए वित्तीय ट्रांजेक्शन की वार्षिक रिपोर्ट के आधार पर विभाग को सूचना मिली है कि आपके द्वारा 1 करोड़ 48 लाख से अधिक की अचल संपत्ति बेची है। अब आयकर विभाग ने चेतराम से उसकी आय के सभी स्रोतों की जानकारी मांगी है। व्यवसाय, कृषि संपत्ति के बारे में पूछा है। पैनकार्ड, पूर्व में दाखिल किए गए रिटर्न के बारे में भी बताने को कहा गया।
2012 में एक बिल्डर ने जमीन का कराया था बैनामा :
चेतराम के अनुसार उनके पिता ने सारसौल स्थित करीब तीन बीघा जमीन पावर एटॉर्नी के आधार पर प्रेम कुमार को दी थी। चूंकि फर्द में चेतराम का नाम दर्ज था तो आगरा की एक बिल्डर फर्म को बैनामा 2012 प्रेम कुमार के कहने पर चेतराम ने करवा दिया। बैनामे में सारी रकम नकद देना दर्शाया गया है। अब आयकर विभाग का नोटिस मिलने के बाद न बिल्डर मिल रहा न ही प्रेम कुमार। अब चेतराम के नोटिस को लेकर होश उड़े हुए हैं। उनका कहना है कि उन्होंने अपनी जिंदगी में इतनी रकम ही नहीं देखी।
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