वर्तमान समय की खराब जीवनशैली व्यक्ति को बिमार बना रही हैं और स्वस्थ शरीर की चाहत को कमजोर कर रही हैं। वर्तमान समय में ऐसी कई बीमारियाँ हैं जो बहुतायत में हो रही है और लोगों की परेशानी का कारण बन रही हैं। हांलाकि समय पर बीमारी का पता चल जाए तो इनका इलाज संभव हैं। आज हम आपको ब्रेन में ट्यूमर की बिमारी से जुड़े महत्वपूर्ण होने वाले बदलाव की जानकारी देने जा रहे हैं। तो आइये जानें इन लक्षणों के बारे में और सतर्क रहें।
लड़खड़ाना
अगर सैरिबेलम में ट्यूमर होता है, तो व्यक्ति को कोऑर्डिनेशन अर्थात समन्वय में परेशानी होती है। सैरिबेलम में ट्यूमर होने पर व्यक्ति अक्सर लड़खड़ाने लगता है। इसके कारण व्यक्ति को चलने में परेशानी से लेकर रोजमर्रा के कार्यों, यहां तक कि खाने में भी परेशानी होती है। इसके अतिरिक्त अगर ट्यूमर मस्तिष्क के बैसल गैन्ग्लिया हिस्से में होता है तो इससे शरीर की असामान्य पोजिशन होती है।
दृष्टि संबंधी समस्याएं
वहीं अगर ट्यूमर मस्तिष्क के पिछले हिस्से या पिट्यूटरी ग्रंथि के आसपास है तो इसका सीधा असर आपकी आंखों पर पड़ता है। इसके कारण व्यक्ति को धुंधला दिखाई देना या डबल दिखाई देना शुरू हो जाता है।
दौरे आना
जब व्यक्ति को ब्रेन ट्यूमर होता है तो उसे अक्सर दौरे आने लग जाते हैं। दरअसल, ट्यूमर के कारण मस्तिष्क में इरिटेशन होती है, जो न्यूरॉन्स को बेकाबू करती है और आपके भीतर असामान्य हलचलें होती हैं। वैसे ट्यूमर की तरह ही दौरों के भी कई रूप देखने को मिलती है। जैसे पूरे शरीर या शरीर के किसी हिस्से या मसल्स में झटका या ऐंठन, बेहोशी सभी दौरे का ही एक रूप है।
सुन्न होना
ब्रेन ट्यूमर के कारण व्यक्ति को चेहरे या शरीर के विभिन्न हिस्से अधिकतर सुन्न हो जाते हैं। खासतौर से, अगर ट्यूमर ब्रेन स्टेम पर विकसित होता है। यह वह स्थान है, जहां पर मस्तिष्क रीढ़ की हड्डी से जुड़ता है और यहां पर ट्यूमर पूरे शरीर में सुन्न होने का अहसास होता है।
सुनने में परेशानी
जिन लोगों के ब्रेन में ट्यूमर कपाल तंत्रिका के करीब होता है, उनकी सुनने की क्षमता लगभग खो जाती है। इसके अतिरिक्त उन्हें बैलेंस करने में समस्या, चेहरे की मांसपेशियों का कमजोर होना व भोजन निगलने में भी समस्या होती है।
समझने में दिक्कत
ब्रेन ट्यूमर व्यक्ति की सोचने-समझने की क्षमता को काफी हद तक प्रभावित करता है। ब्रेन के कुछ हिस्सों में ट्यूमर होने पर व्यक्ति को न सिर्फ बोलने में कठिनाई होती है, बल्कि उसे शब्दों को समझने में भी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। वहीं मस्तिष्क के सामने के हिस्से में ट्यूमर व्यक्ति की सोच और व्यक्तित्व को विपरीत तरीके से प्रभावित करता है।
तेज सिरदर्द
ट्यूमर मस्तिष्क के चाहे किसी भी हिस्से में हो, यह खोपड़ी के भीतर दबाव उत्पन्न करता है। जिसके कारण व्यक्ति को तेज सिरदर्द से लेकर, जी मचलाना, उल्टी आदि की समस्या होती है। इतना ही नहीं, इसके कारण व्यक्ति को हमेशा सुस्ती आना या सोने में परेशानी होना जैसी दिक्कत होती है। इसके अतिरिक्त इस दबाव के कारण व्यक्ति कोमा में भी जा सकता है।
No comments:
Post a Comment