नोटबंदी के बाद से पूरे देश में ऑनलाइन पेमेंट ने जोर पकड़ लिया है। इसी के साथ चोरों की नजर भी इन पेमेंट्स पर है। लेकिन अगर आपने ऑनलाइन बैकिंग में सावधानी नहीं बरती तो सेकेंड्स में आप कंगाल हो जाएंगे। आपको बता दें, हैकर्स सिर्फ एक लैपटॉप और इंटरनेट कनेक्शन के जरिए कार्ड से जुड़ी जानकारी इकठ्ठा करके मात्र 6 सेकेंड में आपको कंगाल बना सकते हैं।
क्या कहता है अध्ययन
न्यूकासल विश्वविद्यालय के पीएचडी के छात्र मोहम्मद अली का कहना है कि वर्तमान भुगतान प्रणाली विभिन्न वेबसाइटों के जरिये किये जाने वाले भुगतान के कई अमान्य अनुरोधों का पता नहीं लगा पाती है।
आईईईई सिक्योरिटी एंड प्राइवेसी जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक चूंकि वर्तमान ऑनलाइन प्रणाली में विभिन्न वेबसाइटों के जरिये एक ही कार्ड के लिए कई अमान्य भुगतान अनुरोध को समझने की क्षमता नहीं है तो कई वेबसाइटों के जरिये अनगिनत अनुरोध किये जा सकते हैं।
अनुसंधानकर्ताओं का मानना है कि अनुमान लगाकर हमला करने के इस तरीके का उपयोग हाल ही के टेस्को साइबर हमले में किया गया। हालांकि केवल वीजा नेटवर्क इस मामले में संवेदनशील है।
ऐसे बनाएं अपना बैंक अकाउंट सुरक्षित
नेट बैंकिंग में न यूजर आईडी और पासवर्ड ही हमारे सिग्नेचर या फिंगरप्रिंट हैं। ऐसे में इसे सावधानी के साथ रखें। कुछ भी हो जाए, लेकिन अपना यूजर आईडी और पासवर्ड गुप्त रखें। इसे किसी के भी साथ साझा न करें। अक्सर आप जिस सिस्टम से नेट यूज करते हैं सिस्टम हैकर उससे पासवर्ड चुराने की कोशिश करते हैं। ऐसे में जरूरी है जब घर के सिस्टम से नेट बैंकिंग कर रहे हो, उस दौरान बीच बीच में अपना पासवर्ड चेंज करते रहें। कभी भी फोन पर अपना यूजर आईडी, पासवर्ड, URN नंबर, OTP आदि न साझा करें।
कोशिश करें घर के सिस्टम से करें बैंकिंग
नेट बैंकिंग के दौरान सबसे बड़ा खतरा पासवर्ड हैक होने का रहता है। इसे ध्यान में रखते हुए जरूरी है कि घर के सिस्टम से ही नेट बैंकिंग यूज करें। यदि ऑफिस या सायबर कैफे के सिस्टम से नेट बैंकिंग कर रहे हैं तो हमेशा ध्यान रखें कि सिस्टम में एंटी वायरस का अपडेटिड वर्जन मौजूद है। अक्सर हैकर यूआरएल लिंक के माध्यम से अकाउंट हैक करते हैं। ऐसे में प्राइवेट या ऑफिस सिस्टम पर कभी भी लिंक्स का इस्तेमाल न करें। कोशिश करें कि जब भी नेट बैंकिेंग यूज करें तो बैंक का एड्रैस डाले, हमेशा टाइप करें।
फिशिंग मेल से रहें सतर्क
हम सभी के ई-मेल पर अक्सर लॉटरी या डोनेशन संबंधी मेल आती हैं, जो आपसे आपका अकाउंट नंबर मांगती हैं। ऐसी किसी भी मेल का जवाब न दें जहां आप से नेट बैंकिंग की जानकारी, पासवर्ड या फिर सुरक्षा की नजर से जन्म तिथि, मां का मिडल नाम आदि जैसी जानकारी की मांगी जा रही हो।
ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की लिमिट तय करें
ऑनलाइन फंड ट्रांसफर की सुरक्षा के लिए बैंक ट्रांसफर की मैक्सिमम लिमिट का ऑप्शन देते हैं। इसे अवध्य ध्यान रखें और ऑनलाइन ट्रांस्फर या मर्चेंट ट्रांस्जेक्शन अपने नेट बैंकिंग एकाउंट में खाते की राशि और लेन देन की एक निश्चित सीमा तय कर लें। नेट बैंकिंग के जरिए जिस किसी को भी पैसे ट्रांस्फर कर रहे है उसका एकाउंट नंबर कंफर्म कर लें क्योंकि गलत खाते में पैसे डालना केवल आप ही की गलती मानी जाएगी।
मोबाइल अलर्ट के लिए नंबर करें रजिस्टर
मोबाइल पर आने वाले बैंकिंग अलर्ट भी सुरक्षा का बेहतर तरीका है। ऐसे में अपना मोबाइल नंबर और ई-मेल एड्रेस को ट्रांस्जेक्शन से संबंधित अलर्ट्स के रजिस्टर करवाएं। साथ ही साथ अगर कोई बदलाव करते हैं तो बैंक को अपडेट करते रहें। अगर नेट बैंकिंग इस्तेमाल के दौरान किसी भी तरह की परेशानी आती है तो तुरंत बैंक को सूचित करें।
बनाएं स्ट्रांग पासवर्ड
जब आप इंटरनेट का प्रयोग नेट बैंकिंग के लिए करें तो अपने अकाउंट को लॉग-इन करने के लिए हमेशा स्ट्रांग पासवर्ड बनाएं। पासवर्ड बनाने के लिए कभी भी अपनी पर्सनल डिटेल्स का इस्तेमाल करने से बचें। पासवर्ड में स्पेशल करेक्टर और नंबर का प्रयोग करें। इसके साथ-साथ पासवर्ड में अपरकेस और लोअर केस में कैरेक्टर का प्रयोग जरुर करें। पासवर्ड को हर एक महीने में बदलते रहें।
डेस्कटॉप, लैपटॉप में अपलोड करें स्ट्रांग एंटी वायरस
आप अपने लैपटॉप या डेस्कटॉप में एंटी वायरस डालें जिससे हैकर्स आपके सिस्टम को हैक नहीं कर पाएं। हैकर्स हमेशा ऐसा सिस्टम ढूंढते हैं जिनमें किसी प्रकार का कोई एंटी वायरस नहीं पड़ा होता है। अगर आपके सिस्टम में एंटी वायरस नहीं पड़ा है तो आप इसमें अच्छी कंपनी का एंटी वायरस सॉफ्टवेयर अपलोड करें ताकि आप फिशिंग से बचे रहें।
वनटाइम पासवर्ड कोड का करें इस्तेमाल
जब भी आप कोई फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन करें तो हमेंशा ओटीपी कोड का प्रयोग करें। ओटीपी कोड आपके मोबाइल पर आता है जब भी आप किसी को पेमेंट करते हैं। बैंक द्वारा इसको भेजा जाता है और यह केवल 15 मिनट के लिए वैलिड होता है। इसके साथ ही आप अपने नेटबैंकिंग अकाउंट में लॉगइन करने के लिए हमेशा रेग्युलर कीबोर्ड के बजाए वर्चुअल कीबोर्ड का इस्तेमाल करें।
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