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Friday, 8 September 2017

Astana Expo में भारत का जलवा, शीर्ष पांच देशों में शुमार

अस्ताना/कजाकिस्तान। दुनिया को प्रदूषणमुक्त बनाने के लिए वैकल्पिक ऊर्जा पर केंद्रित यहां चल रहे अंतरराष्ट्रीय मेले में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों को दर्शाता देश का मंडप मुख्य आकर्षण का केंद्र बन गया है और दर्शकों की संख्या के हिसाब से यह शीर्ष पांच देशों में शुमार है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 जून को कज़ाखस्तान में अस्ताना एक्सपो 2017 के उद्घाटन समारोह में भाग लिया। इस एक्सपो का थीम था – फ्यूचर एनर्जी।

सोवियत संघ से अलग होने के बाद बने कजाकिस्तान की नयी -नवेली राजधानी अस्ताना में 10 जून से 10 सितंबर तक चलने वाले ‘अस्ताना एक्सपो -2017’ में कजाकिस्तान पहले तथा चीन दूसरे और भारत तीसरे स्थान पर है। भारतीय मंडप में रोजाना 10 से 12 हजार दर्शक आ रहे हैं।

‘भविष्य की ऊर्जा ’थीम पर आयोजित Astana Expo  में 115 देश और करीब 22 अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने मल्टी मीडिया के जरिये स्वच्छ ऊर्जा की नयी प्रौद्योगिकियों और अपनी -अपनी उपलब्धियों का आकर्षक नमूना पेश किया है।

वैकल्पिक ऊर्जा, पर्यावरण और विकास

भारत ने 2022 तक अक्षय ऊर्जा स्रोतों से 1.75 लाख मेगावाट बिजली बनाने का लक्ष्य रखा है, जिसमें एक लाख मेगावाट सौर ऊर्जा से 60 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा से, 60 हजार मेगावाट पवन ऊर्जा से, 10 मेगावाट जैव ऊर्जा से और 5 मेगावाट लघु पनबिजली ऊर्जा से बनाना शामिल है। हालाँकि अपतटीय पवन ऊर्जा की उम्मीदों को देखते हुए यह लक्ष्य बढ़ाया जा सकता है।

भारत ने इस संबंध में अपना लक्ष्य पेरिस में प्रस्तावित विश्व पर्यावरण संधि के लिये ‘यूनाइटेड नेशंस फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज’ (यूएनएफसीसीसी) के सामने रखा। इसमें जलवायु परिवर्तन से जुड़ी चुनौतियों व दुष्प्रभावों से निपटने की विस्तृत जानकारियों व उपायों का उल्लेख है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में भारत का राष्ट्रीय लक्षित स्वैच्छिक योगदान (आईएनडीसी) तैयार किया गया।

पेरिस में 30 नवंबर से 11 दिसंबर तक होने वाले जलवायु परिवर्तन सम्मेलन के लिये सभी देशों को अपना-अपना आईएनडीसी देना जरूरी था। लिहाजा अगले डेढ़ दशक में उत्सर्जन को करीब एक-तिहाई घटाने का वायदा पूरा हो सकता है। पर इस दौरान अजीवाश्मीय ईंधन से 40 प्रतिशत विद्युत उत्पादन करने का लक्ष्य व्यावहारिक नहीं लगता।

खासकर तब, जब स्वच्छ ऊर्जा पर अतिशत जोर देने और इसके लिये समुचित संसाधन होने के बावजूद अमेरिका में 2030 तक गैर जीवाश्म ईंधन से विद्युत उत्पादन कुल उत्पादन के तीस फीसदी से अधिक नहीं हो पाएगा।

बहरहाल   ‘भविष्य की ऊर्जा ’थीम पर आयोजित Astana Expo  में 115 देश और करीब 22 अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने मल्टी मीडिया के जरिये स्वच्छ ऊर्जा की नयी प्रौद्योगिकियों और अपनी -अपनी उपलब्धियों का आकर्षक नमूना पेश किया है।

-एजेंसी

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