सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा कि जरूरी हुआ तो नियंत्रण रेखा पर आतंकियों के लांच पैड पर और सर्जिकल स्ट्राइक किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ जारी है क्योंकि वहां आतंकियों के लांच पैड अब भी संचालित हो रहे हैं।
जनरल रावत ने कहा, ‘सर्जिकल स्ट्राइक से हम आतंकियों को संदेश देना चाहते थे। हमारा मानना है कि वे समझ गए होंगे कि हम क्या चाहते हैं। अगर वे नहीं समझे तो इसे दोहराया भी जा सकता है।’ वह ‘इंडियाज मोस्ट फियरलेस’ किताब के लांच के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। किताब में म्यांमार और नियंत्रण रेखा पार की गई सर्जिकल स्ट्राइक का वर्णन किया गया है।
जनरल बिपिन रावत ने कहा कि सीमा पार से घुसपैठ जारी है। उस पार आतंकी तैयार हैं और इस पार हम उनके ‘स्वागत’ के लिए तैयार हैं। अगर वे घुसपैठ की कोशिश करेंगे तो हम उन्हें ढाई फीट जमीन के अंदर दफना देंगे। सर्जिकल स्ट्राइक का क्या प्रभाव हुआ, यह पूछने पर जनरल रावत ने कहा कि इससे यह संदेश गया कि हम मजबूत राष्ट्र हैं और समय आने पर फैसले लेने में सक्षम हैं। सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान सेना प्रमुख रहे जनरल (सेवानिवृत्त) दलबीर सिंह ने भी प्रभाव के बारे में यही बात कही। इसने दुनिया में भारत की छवि को बढ़ाया। पिछले साल उड़ी में सेना के कैंप पर हमले के बाद भारतीय सेना ने गुलाम कश्मीर में घुसकर आतंकियों के लांच पैड को ध्वस्त किया था। 28-29 सितंबर 2016 के बीच की रात इस सर्जिकल स्ट्राइक में बड़ी संख्या में आतंकी मारे गए थे।
इसमें दो मत नहीं कि पाकिस्तान की धरती से आतंकी कश्मीर घाटी को पिछले तीन दशक से दहला रहे हैं। हाल ही में ब्रिक्स के घोषणापत्र में इस तथ्य को रेखांकित किया गया कि लश्कर, जैश और हक्कानी नेटवर्क लगातार भारत के खिलाफ नापाक जंग लड़ रहे हैं। हाल ही में संयुक्त महाराष्ट्र की आम सभा में पाक पीएम ने नापाक सुर में कहा कि कश्मीर में जारी जंग में जो लोग शामिल हैं उन्हें पाकिस्तान नैतिक समर्थन देता रहेगा लेकिन पाकिस्तान के इन बोलों पर भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि जो देश आज तक आतंकवाद की परिभाषा नहीं तय कर पाया है, वो आतंकी संगठनों के खिलाफ लड़ाई क्या लड़ेगा। इन सबके बीच भारतीय थल सेनाध्यक्ष बिपिन रावत ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए भारत ने आतंकी संगठनों को संदेश देने की कोशिश की कि अब वो अपनी नापाक हरकत से बाज आएं। इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा कि जरूरत पड़ी तो लांच पैड को समाप्त करने के लिए और सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया जाएगा।
रक्षा मामलों के जानकार राज कादयान ने कहा कि कश्मीर घाटी में सेना की बदली हुई रणनीति काम आ रही है। सेना प्रमुख के बयान से आतंकियों और उनके आकाओं के दिल और दिमाग में डर है, जिससे आतंकियों की कमर को तोड़ने में मदद मिलेगी। भारतीय फौज सिर्फ आतंकियों के खिलाफ अभियान ही नहीं चलाती है, बल्कि आम कश्मीरी लोगों को मुख्य धारा में जोड़ने की कोशिश कर रही है। संयुक्त राष्ट्र महासभा की आम सभा में पाक पीएम अब्बासी के बोल में केवल निराशा झलक रही थी। भारतीय सुरक्षाबलों की लगातार कार्रवाई से न केवल आतंकी संगठन बल्कि पाकिस्तान भी बौखला गया है। जनरल रावत के दोबारा सर्जिकल स्ट्राइक के बयान पर राज कादयान ने कहा कि इस बयान की पृष्ठभूमि है। ये सच है कि सीमा पार के इलाकों में आतंकियों के लांच पैड काम कर रहे हैं। ये लांच पैड बिना पाकिस्तान की सहमति से नहीं चल सकते हैं, लिहाजा आतंकी संगठनों के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक का विकल्प हमेशा खुला हुआ है।
-एजेंसी
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