आगरा। RTI में खुलासा हुआ है कि UP में पिछले दस साल से कोई नागरिक उड्डयन नीति ही नहीं है। जेवर में ताज इंटरनेशनल एयरपोर्ट ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट जरूर है किन्तु यह बिना किसी नीति के ही राज्य सरकार अपने धन से बनवा रही है। वर्तमान में ही नहीं पिछले दस साल से राज्य में कोई सिविल एवियेशन नीति ही नहीं है।
हकीकत में नीति विहीनता वाला 2008 से 2017 तक का कार्यकाल ही 10 साल का वह कालखंड है जबकि प्रदेश सरकार के द्वारा एयर कनैक्टिविटी तथा एवीऐशन सैक्टर से संबधित सबसे ज्यादा फैसले लिये गये।इस काल में हवाई अड्डों का विस्तारनये हवाई अडडों का बनाया जाना, राज्य सरकार के एयर फ्लीट में बढोत्तरीको नये हवाई जहाज खरीद जैसे कामों को अंजाम दिया गया।
इसी अवधि में सैफई की एयरस्ट्रिप को इंटरनेशनल फ्लाइटों की जरूरत के अनुरूप तब्दील करने जैसा अंजाम देने जैसा अभूतपूर्व करिश्मा भी हुआ। आई एल एस फिटिड , एसी लॉऊंज से युक्त इस हवाई पट्टी पर हुए अधिकांश कामों के लिये एयरपोर्ट अथार्टी से पूर्व अनुमति लियाजाना तक गैर जरूरी समझा गया।
सबसे ज्यादा दिलचस्पी पूर्ण तथ्य है कि विशुद्ध घाटे की हैलीकाप्टर सेवा को पर्यटन विकास के नाम से जोड कर जनधन से चलाये जाने के प्रयास किये गये हैं।यही नहीं इस सेवा के लिये नये हैलीपैड बनाया जाना भी शामिल है। सबसे अधिक आश्चर्यजनक तथ्य है कि प्रदेश में नागरिक उ्डयन मंत्रालय होने के बावजूद यह कार्य पर्यटन विभाग से करवाया गया।
‘ताज इंटरनेशनल एयरपोर्ट आगरा डिजर्ब्स इट सोशल मीडिया अभियान के कार्डीनेटर एवं आगरासिविल सोसायटीके जनरल सैकेट्री श्री अनिल शर्मा ने कहा है कि यू पी मेनमानी करने का जो खेल पिछले दस साल से चल रहा है उसकी जानकारी पूरी सटीकता के साथ जनता में पहुंचे।
उन्होने कहा कि जनसूचना अधिकार के तहत उन्होंने जब राज्य सरकार की नागरिक उड्डयन नीतिके बारे मे जानना चाह तो वह दी गयी इस जानकारी पर आश्चर्य चकित रह गये कि नागरिक उड्डयन विभाग की अब तक कोयी नीति ही नहीं है। यही नहीं यह भी बतायागया कि उप्र सरकारने जो नागरिक विमानन प्रोत्सहन नीति 2017 तैयार की है उसे भी अधिसूचित किया जाना हे।
श्री शर्मा ने कहा कि नीति न होना तो सरकारों की अदूदर्शिता का परिचायक है किन्तु नई नीति‘ बिना जन सहभागिता और बिना खुली बहस के लागू करना जन विश्वास को ठेस पहुंचाने जैसा काम है।उन्होने मांग की है कि नई नागरिक उड्डयन नीति को नाटीफाइड करने से पहले नागरिकों के सुझाव और मार्गर्शन के लिये नागरिक उडडयन विभाग की वेवसाइट पर अपलोड करें।फिर जनता के द्वारा उठाये गये मुद्दों और शंकाओं का समाधान कर नीति के रूप में लागू करें।
श्री शर्मा ने कहा है कि कम से कम उनकी जानकारी के अनुसार लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुरूप इस नीति के प्रारूप को अब तक विधान मंडल के किसी भी सदन मे नहीं रखा गया है।
उनका दावा है कि अगर लागू होनेजा रही नीति विधान सभा मे रखी गयी होती तो योगी सरकार के मत्रियों और विपक्ष के नेता की हैसियत से विधान परिषद में प्रमोशनल फ्लाइट, प्राईवेट प्रमोटरों की फ्लाइटों में सीटों की सरकार द्वारा खरीद तथा हवाईजहाज के सब्सिडाइज्ड इंधन की खरीद जैसे मामलों में सपा नेता श्री अखिलेश यादव को तमाम जटिल यक्ष प्रश्नों के उत्तरप्राप्त करने की सुखद अनुभूतियां होतीं।
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