त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत रॉय ने अपने ट्वीट पर विवाद होने के बाद आज कहा है कि संविधान में ऐसा कहीं लिखा नहीं है कि राज्यपाल के पद पर बैठा व्यक्ति क्या विचार व्यक्त कर सकता है और क्या नहीं.
उन्होंने कहा, “अगर कोई संविधान में कहीं ये लिखा हुआ दिखा दे कि एक राज्यपाल को क्या बात करनी चाहिए और क्या नहीं तो फिर मैं ये सब लिखना बंद कर दूंगा.”
उन्होंने कहा, “राज्यपाल के विचार सार्वजनिक करने पर यदि कोई हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट का आदेश हो तो मुझे दिखा दिया जाए मैं उसे मान लूंगा.”
भाजपा और आरएसएस से जुड़े रहे तथागत राय के ट्वीट अक्सर विवादित होते रहते हैं.
अपने ट्विटर हैंडल पर तथागत रॉय ने अपने आरएसएस और बीजेपी से जुड़े होने का ज़िक्र भी किया है.
तथागत राय ने कहा है कि मस्जिद के मुअज़्ज़िन को मीनार पर चढ़कर अज़ान देनी चाहिए न कि लाउडस्पीकर से. अज़ान और पटाखों से होने वाले ध्वनि प्रदूषण को एक ही नज़र से देखा जाना चाहिए. उन्होंने ये बात भी दोहराई की क़ुरान या हदीस में कहीं भी लाउडस्पीकर का ज़िक्र नहीं है.
तथागत रॉय ने मंगलवार शाम किए ट्वीट में कहा था, “हर साल दिवाली पर पटाखों के शोर से ध्वनि प्रदूषण को लेकर बहस होती है. ऐसा तो साल में बस कुछ ही दिन होता है. लेकिन सुबह साढ़े चार बजे लाउडस्पीकर पर दी जाने वाली अज़ान पर कोई नहीं लड़ता. दरअसल धर्मनिरपेक्ष भीड़ की अज़ान से होने वाले शोर पर ये चुप्पी मुझे हैरान करती है.
-BBC
The post संविधान में कहीं नहीं लिखा कि राज्यपाल को क्या बोलना चाहिए, क्या नहीं: तथागत रॉय appeared first on Legend News: Hindi News, News in Hindi , Hindi News Website,हिन्दी समाचार , Politics News - Bollywood News, Cover Story hindi headlines,entertainment news.
No comments:
Post a Comment