PM Modi ने किया देश का पहला अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान राष्ट्र को समर्पित | Alienture हिन्दी

Breaking

Post Top Ad

X

Post Top Ad

Recommended Post Slide Out For Blogger

Tuesday 17 October 2017

PM Modi ने किया देश का पहला अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान राष्ट्र को समर्पित

PM Modi ने कहा- आज द्वितीय आर्युवेद दिवस पर आयुर्वेद में मरीजों को तत्काल राहत और दुष्प्रभावों से बचाने वाली दवाओं की खोज की जरूरत

नई दिल्ली। PM Modi ने आज देश के पहले अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान राष्ट्र को समर्पित करते हुए कहा कि सरकार देश के हर जिले में आयुर्वेद से जुड़े अस्पताल शुरू करने पर काम कर रही है । प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि आयुर्वेद विशेषज्ञों को ऐसी दवायें खोजने की जरूरत है जो मरीजों को तत्काल राहत प्रदान करने के साथ उन्हें दवाओं के दुष्प्रभावों को दूर रखें । प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ मैं निजी क्षेत्र से भी अनुरोध करूंगा कि वे कारपोरेट सामाजिक दायित्व :सीएसआर: के तहत कोष के एक हिस्से का इस्तेमाल आयुर्वेद को मजबूत बनाने में करें, आयुर्वेद से संबंधित संस्थाएं खोलने में करें । ’’ द्वितीय आर्युवेद दिवस पर नई दिल्ली के सरिता विहार एआईआईए राष्ट्र को समर्पित करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘ कोई भी देश विकास की कितनी ही चेष्टा करे, कितना ही प्रयत्न करे, लेकिन वो तब तक आगे नहीं बढ़ सकता, जब तक वो अपने इतिहास, अपनी विरासत पर गर्व करना नहीं जानता। अपनी विरासत को छोड़कर आगे बढ़ने वाले देशों की पहचान खत्म होनी तय होती है। ’’

उन्होंने कहा कि गुलामी के दौर में हमारी ऋषि परंपरा, हमारे आचार्य, किसान, हमारे वैज्ञानिक ज्ञान, हमारे योग, हमारे आयुर्वेद, इन सभी की शक्ति का उपहास उड़ाया गया, उसे कमजोर करने की कोशिश हुई और यहां तक की उन शक्तियों पर हमारे ही लोगों के बीच आस्था कम करने का प्रयास भी हुआ । आजादी के बाद उम्मीद थी कि जो बची है, उसे संरक्षित किया जायेगा, आगे बढ़ाया जायेगा । लेकिन जो बचा था, उसे उसके हाल पर छोड़ दिया गया । इसके कारण हमारी दादी मां के नुस्खों को दूसरे देशों ने पेंटेट करा लिया ।

मोदी ने कहा कि आज मुझे गर्व है कि पिछले तीन वर्षों में इस स्थिति को काफी हद तक बदल दिया गया है। जो हमारी विरासत है, जो श्रेष्ठ है, उसकी प्रतिष्ठा जन-जन के मन में स्थापित हो रही है । देश के हर जिले में आयुर्वेद से जुड़ी अच्छी सुविधा से युक्त अस्पताल जरूरी है। इस दिशा में आयुष मंत्रालय तेजी से काम कर रहा है। पिछले तीन वर्षो में 65 से अधिक संस्थान शुरू हुए हैं ।

प्रधानमंत्री ने सवाल किया कि जो लोग आज आयुर्वेद पढ़ कर निकलते हैं क्या सच में सौ प्रतिशत लोग इसमें आस्था रखते हैं । कई बार ऐसा होता है कि मरीज जब जल्द ठीक होने पर जोर देते हैं, तब क्या आयुर्वेद के कुछ चिकित्सक उन्हें एलोपैथी की दवा दे देते हैं । आयुर्वेद की स्वीकार्यता की पहली शर्त यह है कि आयुर्वेद पढ़ने वालों की इस पद्धति में शत प्रतिशत आस्था हो, भरोसा हो ।

उन्होंने कहा कि हमें उन क्षेत्रों के बारे में भी सोचना होगा जहां आयुर्वेद अधिक प्रभावी भूमिका निभा सकता है। इसमें खेल एक प्रमुख क्षेत्र है, जहां बड़े बड़े खिलाड़ी अपने लिये फिजियोथेरापिस्ट रखते हैं और कई बार उन दवाओं के कारण परेशान भी होते हैं। आयुर्वेदथेरापी खेल के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। सेना के जवानों के स्वास्थ्य और मानसिक एकाग्रता एवं तनावमुक्त बनाने के क्षेत्र में भी आयुर्वेद की अहम भूमिका हो सकती है।

मोदी ने कहा, ‘‘ आयुर्वेद विशेषज्ञों को ऐसी दवायें खोजने की जरूरत है जो मरीजों को तत्काल राहत प्रदान करने के साथ दवाओं के दुष्प्रभावों को दूर रखें । ’’

PM Modi  ने जोर देकर कहा कि हमें आयुर्वेद शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान देने की जरूरत है। आयुर्वेद के कोर्स पर फिर से ध्यान देने की जरूरत है। PM Modi ने  कहा कि  हम इस बात पर भी विचार करें कि बीएएमएस के पांच साल के कोर्स में ही वर्ष क्या हम छात्रों को कोई डिग्री प्रदान कर सकते हैं ?

-एजेंसी

The post PM Modi ने किया देश का पहला अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान राष्ट्र को समर्पित appeared first on Legend News: Hindi News, News in Hindi , Hindi News Website,हिन्‍दी समाचार , Politics News - Bollywood News, Cover Story hindi headlines,entertainment news.

No comments:

Post a Comment

Post Top Ad