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Friday 3 November 2017

अयोध्या हादसे की 27वीं वर्षगांठ पर प्रदेशोद्धार का संकल्प लिया

मथुरा। मन्दिर-मस्जिद और दलित-बलित के मकड़जाल में कश्मीर बनते गये प्रदेश की भ्रष्ट नौकरशाही समेत ध्वस्त कानून-व्यवस्था, भूराक्षसों के आतंकी साये में प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुंध शोषण एवं दुरूपयोग के चलते अराजक हुए प्रदेश में यदि जागरूकता नहीं उत्पन्न नहीं हुई तो भारत में बहुत जल्द नया म्यांमार पैदा हो जायेगा।

यह मंथन डॉ0 रमेश चन्द्र शर्मा स्मारक शोध एवं सेवा संस्थान के तत्वावधान में अयोध्या हादसे (2 नवम्बर 1990) की 27वीं वर्षगांठ पर में गुरूवार को विश्रामघाट क्षेत्र में हताहतों की स्मृति को लेकर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में किया गया।

संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष एवं ‘प्रदेश उबारो देश सम्हारो’ आन्दोलन के सूत्रधार डॉ0 सुरेश चन्द्र शर्मा ने आरोप लगाया कि महज वर्ग विशेष के वोट बैंक के लालच में 2 नवम्बर 1990 के दिन तत्कालीन प्रधान मंत्री से मशविरा किये बगैर अयोध्या में फायरिंग का आदेश देना लोकतांत्रिक व्यवस्था का विध्वंशक कदम था जिसके साये में उपजी अराजकता अन्तहीन दुष्चक्र बनाती गयी और देश तानाशाही की राह अराजक होता गया। आगे कहा कि मथुरा में 2 जून 2016 को जवाहरबाग हादसा उसी पागलपन का नतीजा था जिसने जखनबाग और जलियांवाला के बाद जवाहरबाग में तीसरा काला इतिहास आजाद भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था में रच दिया।

डॉ0 शर्मा ने रोष जताया कि मन्दिर-मस्जिद की आड़ में प्रदेश में जड़ें मजबूत करती जा रही शोषक ताकतें आजीविका के संसाधन हथिया कर दुर्बलों को कमजोर और दबंगों को मजबूत करती जा रही हैं जिसका सबसे बुरा असर प्रदेश की बिगड़ती कानून-व्यवस्था और बढ़ती गरीबी व भुखमरी पर पड़ा है। आगे कहा कि आज हालात ऐसे हो गये हैं कि राजनीतिक तालमेल के बगैर आम आदमी के जीने का अधिकार सभी तरह से छिनकर असुरक्षित हो गया है।

डॉ0 शर्मा ने आक्रोश जताया कि प्रदेश में अप्रत्यक्षतः जारी विद्वेषण की करतूतों पर अभी भी रोक नहीं लगी है जिसके दूरगामी असर से भावी पीढ़ी को बचाया नहीं जा सकेगा।

डॉ0 शर्मा ने प्रदेश के जनमानस को शोषकांे की कूटनीतिक चालों से सावधान रहने को आह्वान किया। कहा कि इन्हीं ताकतों के चलते मुल्क का बंटवारा किया गया जिसके सबसे ज्यादा शिकार वे लोग हुए जिनका फिरकापरस्ती से कोई मतलब नहीं था। आखिरकार वही हुआ कि विभाजन के बावजूद दोनों मुल्कों में अमन-चैन कायम नहीं हो सका और गरीब-अमीर के बीच फासले बढ़ते गये। कहा कि वही ताकतें मौजमस्ती के लिए दुबारा सिर उठा रही हैं और उसका खामियाजा देश प्रदेश के गरीब भरते जा रहे हैं।

इससे पूर्व उपस्थितों ने अयोध्या हादसे के शहीदों की स्मृति में यमुना जल में एवं माँ यमुना के चित्रपट पर पुष्पार्चन से आयोजन की शुरूआत की। तत्पश्चात् आयोजन स्थल भारत माता व माँ यमुना के जयकारों और ‘जब तक सूरज चाँद रहेगा, अयोध्या के शहीदों का नाम रहेगा’ नारे से गूँज उठा।

आयोजन में विजय चतुर्वेदी, देवेन्द्र चतुर्वेदी, बालकृष्ण, बंशीधर मंसोला, लव कुमार चतुर्वेदी, केशरछाप चौबे, जुगुल किशोर चतुर्वेदी ने भागीदारी की।

 

 

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