नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली ने पिछले कई दिनों से SMOG की मोटी चादर ओढ़ रखी है। प्रदूषण का स्तर भयावह हो चुका है। लोगों का दम घुट रहा है और वे दिल्ली छोड़कर अन्य स्थानों का रुख कर रहे हैं। ऐसे में प्रदूषण का बच्चों पर सबसे बुरा असर पड़ता है। वे इस जानलेवा प्रदूषण का सबसे मासूम शिकार हैं। मां-बाप बच्चे को प्रदूषण से बचाने के भरसक उपाय कर रहे हैं। उन्होंने बच्चों को घर से बाहर ले जाना बंद कर दिया है। कई लोगों ने तो घर में भी एयर प्योरिफायर लगवा लिया है। बच्चे को अगर अस्थमा है तो उसके लिए दिक्कतें खासी बढ़ जाती हैं।
राज्य सरकार के निर्देश से सभी स्कूलों को वीकेंड तक के लिए बंद कर दिया गया है। टगोर इंटरनेशनल स्कूल की प्रिंसिपल मधुलिका सेन का कहना है कि इस निर्देश के पहले भी स्कूल अपनी ओर से एहतियात बरत रहे थे। मॉर्निंग असेम्बली को बंद कर दिया गया था। सभी स्पोर्ट्स ऐक्टिविटीज स्थगित कर दी गई हैं। योगा और ताइक्वॉन्डो जैसी प्रैक्टिस इनडोर ही कराई जा रही हैं।
चिकित्सकों के अनुसार बच्चों पर प्रदूषण का असर वयस्कों से ज्यादा होता है क्योंकि 8 साल की उम्र तक बच्चे के लंग्स का विकास हो रहा होता है। लंग्स के अलावा बच्चों के दिल पर भी प्रदूषण का असर पड़ता है जिससे वे हाइपरटेंशन का शिकार हो सकते हैं। गर्भवती महिलाओं के प्रदूषण के संपर्क में आने से भी गर्भ में पल रहे बच्चे पर बुरा असर पड़ता है। नवजात बच्चे की प्रदूषण की वजह से मौत भी हो सकती है।
बच्चों में ये लक्षण दिखें तो डॉक्टर के पास जाएं
-लगातार खांसी
-सांस लेने में दिक्कत
-नाक, गले और आंख में दर्द
-आंखों में जलन और उनका लाल होना
-बार-बार छींक आना
-लगातार नाक में पानी आना
बच्चों को ऐसे बचाएं प्रदूषण से
-बच्चों को घर से बाहर पार्क आदि में ले जाने से बचें।
-मेन रोड या व्यस्त सड़कों पर बच्चे को ले जाने से बचें।
-अस्थमा या अन्य अलर्जी की दवा के लिए डॉक्टरी सलाह पर दवा देते रहें।
-यदि बच्चा बीमार पड़ता है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
-बच्चे के कमरे के खिड़की-दरवाजे दिन में कई बार 5-10 मिनट के लिए खोलते रहें।
-ध्यान दें कि बच्चे के आसपास कोई स्मोक न करे। -एजेंसी
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