नई दिल्ली। निर्माणाधीन मकान और रेडी टू मूव इन फ्लैट्स पर जीएसटी की देयता को लेकर जारी असमंजस के बीच केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) ने एक स्पष्टीकरण ट्विटर के माध्यम से जारी किया है।
यह स्पष्टीकरण लोगों को जागरूक करने के लिए जारी किया गया है ताकि कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले यह जान पाएं कि उनकी प्रॉपर्टी पर जीएसटी देयता बनती भी है या फिर बिल्डर उनसे जानबूझकर अपने फायदे के लिए जीएसटी वसूल रहा है।
रेडी टू मूव इन प्रॉपर्टी पर कोई जीएसटी नहीं: केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड की ओर से जारी किए गए स्पष्टीकरण में कहा गया है कि जैसा कि आप सभी जानते हैं कि जीएसटी वस्तुओं एवं सेवाओं की आपूर्ति पर लगता है लेकिन रेडी टू मूव इन प्रॉपर्टी में न तो किसी वस्तु की सप्लाई हो रही है और न ही किसी सेवा की ऐसे में इस पर किसी भी तरह का जीएसटी लागू नहीं होगा। इसमें कहा गया है कि सीजीएसटी एक्ट 2017 के शेड्यूल-II के पैरा 5(b) के मुताबिक रेडी टू मूव इन और पूरी तरह बन चुकी प्रॉपर्टी पर किसी भी तरह की जीएसटी देयता नहीं बनती है।
CBEC के मुताबिक अगर खरीदार ने अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी के लिए पहली जुलाई से पहले ही पूरी पेमेंट कर दी है तो खरीदार को 4.5 फीसद का सर्विस टैक्स देना होगा। हालांकि अगर खरीदार ने बिल्डर को भुगतान 1 जुलाई 2017 या उसके बाद किया हो तो उस पर 12 फीसद की दर से जीएसटी लगेगा।
-एजेंसी
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