मुल्‍ला नसरुद्दीन और धर्म गुरु के उपदेश | Alienture हिन्दी

Breaking

Post Top Ad

X

Post Top Ad

Recommended Post Slide Out For Blogger

Sunday 17 December 2017

मुल्‍ला नसरुद्दीन और धर्म गुरु के उपदेश

विश्‍व के प्रत्‍येक महान व्‍यक्‍ति की तरह मुल्‍ला नसरुद्दीन का भी ऐसा मानता था कि किसी भूखे व्‍यक्‍ति को धर्म का उपदेश देना निरर्थक है क्‍योंकि भूखे पेट तो भजन भी अच्‍छा नहीं लगता किंतु पता नहीं क्‍यों उपदेशकों के गले कभी यह सत्‍य उतरा नहीं और इसलिए जब कभी कोई उपदेशक माइक पकड़ लेता है तो फिर उसे आसानी से छोड़ने को तैयार नहीं होता। फिर वह चाहे धार्मिक उपदेशक हो अथवा सामाजिक, या फिर राजनीतिक ही क्‍यों न हो।
एक बार एक धार्मिक नेता ने बाकी लोगों के साथ-साथ मुल्ला नसरुद्दीन को भी शाम के भोजन और उपदेश के आयोजन पर बुलाया। मुल्ला ने उस दिन कुछ अधिक नहीं खाया था इसलिए उसका निमंत्रण पाकर वह खुश हुआ कि चलो आज तो कुछ अच्छा खाने को मिलेगा। निर्धारित समय पर मुल्ला ख़ुशी-ख़ुशी वंहा जा पहुंचा।
कार्यक्रम के आयोजक धार्मिक गुरु ने लोगों के आते ही जो प्रवचन देना शुरू किया तो उन्‍हें खत्‍म होने का नाम ही नहीं ले रहा था। वह एक के बाद एक विषयों पर बोलता चला जा रहा था जबकि भूख के मारे मुल्ला के पेट में चूहे कूद रहे थे। दो घंटे बीत जाने पर भी जब धार्मिक गुरू के उपदेश बंद होते नजर नहीं आए तो मुल्ला का धैर्य चुक गया। एक-एक मिनट अब उसके लिए भारी साबित हो रहा था।
आखिर मुल्ला ने बीच में से उठकर कहा कि “क्या मैं आपसे कुछ पूछ सकता हूँ ?
धार्मिक गुरु ने सोचा कि मुल्ला जरुर कुछ धर्म सम्बन्धी विषय पर सवाल पूछना चाहता है इसलिए उसने बोला कि ‘हाँ तुम कुछ भी पूछ सकते हो।”
इस पर मुल्ला ने पूछा- क्या आपकी इन कहानियों में कभी किसी ने खाना भी खाया है। या सब भूखे ही रहते हैं।

The post मुल्‍ला नसरुद्दीन और धर्म गुरु के उपदेश appeared first on Legend News: Hindi News, News in Hindi , Hindi News Website,हिन्‍दी समाचार , Politics News - Bollywood News, Cover Story hindi headlines,entertainment news.

No comments:

Post a Comment

Post Top Ad