
मुंबई। विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष राधाकृष्ण विखे-पाटिल की प्रेस कांफ्रेस में स्पेशल ब्रांच के दो पुलिसकर्मियो की मौजूदगी ने राज्य की सियासत में हलचल मचा दी है। विखे पाटिल ने फडणवीस सरकार पर विपक्षी दलों की जासूसी कराने का आरोप लगाया है। इस संबंध में उन्होंने पुलिस आयुक्त दत्ता पडसलगीकर से शिकायत कर मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
विखे पाटिल ने अपने सरकारी बंगले में गुरुवार को प्रेस वार्ता बुलाई थी। इस प्रेस कांफ्रेस में स्पेशल ब्रांच के दो पुलिस अधिकारी पहुंचे थे। सहायक पुलिस निरीक्षक सुभाष सावंत और हवलदार बाजीराव सरगर सादे कपड़े में वहां मौजूद थे, जिन्हे पकड़ लिया गया। विखे पाटिल ने इस मामले में मुंबई पुलिस आयुक्त दत्ता पडसलगीकर को फोन कर शिकायत की। मुंबई पुलिस आयुक्त ने विखे पाटिल को बताया कि यैसे किसे पुलिसकर्मी को अनुमति नहीं दी गई है। विखे पाटिल ने बताया कि इससे पहले भी विपक्षी दलों के नेताओं के फोन टेप करने के मामले सामने आ चुके हैं। विपक्ष के नेताओं का फोन टेप हो रहा है। फोन कौन अधिकारी टेप कर रहा है, उसकी जानकारी उनके पास है। जल्द वे अधिकारी के नाम का खुलासा करेंगे। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अशोक चव्हाण ने भी इ्स पर कड़ी आपत्ति जताई है। चव्हाण ने कहा कि भाजपा सरकार विपक्षी दलों की गुप्त तरीके से जासूसी करवा रही है।
लोकतंत्र के लिए घातक
विखे पाटिल ने भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि विपक्ष की जासूसी कराई जा रही है। क्या हम गुनाहगार हैं या कोई गलत काम करने जा रहे हैं। एक संवैधानिक पद पर बैठे नेता की पुलिस से निगरानी कराने का क्या तुक बनता है। यह लोकतंत्र के लिए गंभीर मामला है। सरकारी मशीनरी का फडणवीस सरकार दुरुपयोग कर रही है। विखे पाटील ने कहा है कि इन पुलिसकर्मियों के भेजनेवाले अधिकारी पर कार्रवाई होनी चाहिए। वे इस संबंध में सीएम देवेंद्र फडणवीस से भी शिकायत करेंगे।
कमला मिल अग्निकांड की हो सीबीआई जांच
इस दौरान विखे पाटिल ने कमला मिल अग्निकांड की सीबीआई जांच कराने की मांग फिर दोहराई। उन्होंने आरोप लगाया कि फडणवीस सरकार मनपा आयुक्त अजोय मेहता सहित अन्य अधिकारियों को संरक्षण दे रहे हैं। मनपा आयुक्त सहित दोषी अधिकारियों को निलंबित किया जाना चाहिए। मनपा अधिकारियों की सांठगांठ में अवैध कार्यों को संरक्षण मिल रहा है।
कर्ज माफी में किसानों के साथ धोखा
इस दैरान पार्टी प्रदेश प्रवक्ता सचिन सावंत ने आरोप लगाया कि किसान कर्ज माफी में बड़े पैमाने पर धांधली हुई है। तकरीबन २२ लाख किसान कर्जमाफी से वंचित रह जाएंगे। केवल ३१ लाख किसानों के खाते में १२२६२ करोड़ रुपए जमा हुए हैं। बाकी किसान नियमों के पेंच में उलझ कर रह गए हैं। जबकि सरकार ने ८९ लाख किसानों के ३४००० करोड़ रुपए कर्जमाफ करने का ढिंढोरा पीट रही है।

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