- नियम-कायदे ताक पर, महंगे टिकट से दिखेगा दंगल डांस
फतेहपुर। योगी राज में सिस्टम से खिलवाड़ का एक और उदाहरण सामने आया है। दंगल डान्सर सपना चौधरी के हाई बोल्टेड कार्यक्रम को अनुमति देने में प्रशासन को इतनी जल्दी है कि आवश्यक खानापूरी करना भी मुनासिब नहीं समझा जा रहा है। हाई-प्रोफाइल आयोजकों ने डेढ़ हजार तक में टिकट भी बेचना शुरू कर दिया है और मनोरंजन कर विभाग को इसकी सुध तक नहीं है।
बताते चलें कि शहर के आईटीआई मैदान में अगले माह की 12 तारीख को होने वाले इस कार्यक्रम के आयोजक कई नामी-गिरामी हस्तियां है, जिनके बारे में कहा जा रहा है कि उनके द्वारा कार्यक्रम की अनुमति लेने में आवश्यक सेवा शर्तों की पूर्ति करना भी उचित नहीं समझा जा रहा है या यूँ कहा जाए कि प्रभाव वालों ने इस कार्यक्रम के बाबत प्रशासनिक मशीनरी को जैसे हाई-जैक कर लिया है। एक प्रमुख प्रशासनिक अधिकारी के कार्यालय से इस मद की फाइल तो ऐसे सरपट दौड़ी जैसे सपना चौधरी का डान्स नहीं प्रधानमंत्री का कार्यक्रम हो?
माया और फिर अखिलेश राज की ही तर्ज पर योगी राज में भी पहुँच वालों का सिस्टम जिम्मेदारों के सिर चढ़कर बोल रहा है। दंगल डान्स क्वीन सपना चौधरी के कार्यक्रम को लेकर अनुमति से सम्बंधित पत्रावली की गति इतनी तेज है कि आईटीआई के प्रिन्सिपल शासन के उस आदेश को भी भूल गए जिसमें गैर सरकारी कार्यक्रम के लिए आईटीआई मैदान को प्रतिबंधित किया गया है। जिले में मनोरंजन कर की वसूली का जिम्मा लेने वालों को मालूम ही नहीं कि ठुमके दिखवाने के लिए बकायदे महँगे टिकट बेचें जा रहे है और मोटी रकम की वसूली हो रही है। ऐसे कार्यक्रमों के टिकटों पर 28 फीसदी की दर से जीएसटी तय है, ये अनिवार्यता भी मदमस्त जिम्मेदार भूल गए।
एक मोटे अनुमान के तहत सपना चौधरी के ठुमके दिखवाने की एवज में पब्लिक से कई करोड़ की वसूली हुई है। आयोजकों में लगभग हर किसी का अलग-अलग सेक्टर में ऊँचा कद है- किसी के कागज में नब्बे बीघे में चंदन के पेड़ खड़े है तो किसी ने अपने गाँव की लगभग समूची ग्राम समाज की जमीन पर तिकड़म से अधिकारिक कब्जा पा लिया है। इन आयोजकों में ज्यादातर के चेहरे पर्दे के पीछे काफी भयावह है! सूत्रों की माने तो एक तथा-कथित गायक प्रशासनिक अधिकारी महोदय इस कार्यक्रम को लेकर इस कदर गम्भीर है कि अधिनस्थो को मौखिक फरमान भी सुना रहे है! मनोरंजन कर अधिकारी के कार्यालय से बगैर टीका-टिप्पणी के फाइल के गुजर जाने के पीछे सिफारिशी फंडा अख्तियार किए जाने की बात कही जा रही है।
खबर है कि व्यापार मण्डल ने सवाल उठाया है कि अगर सपना चौधरी के कार्यक्रम को अनुमति मिल सकती है तो कुमार विश्वास के कार्यक्रम को क्यों नहीं! उधर आयोजकों का तर्क है कि कार्यक्रम वाले दिन 12 मार्च को दिन में जिले की प्रतिभाओं का कार्यक्रम होगा, जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रमो को बढ़ावा मुख्य ध्येय है। टिकट में मनोरंजन कर की अनिवार्यता के सवाल पर आयोजक और अधिकारी दोनो चुप्पी साधे है। यहाँ पर यह सवाल खासा महत्वपूर्ण हो जाता है कि क्या प्रशासन सरकारी मशीनरी का उपयोग इस कार्यक्रम के आयोजकों से बगैर नियमतः शुल्क वसूले होने देगा, क्योंकि कुछ ऐसा आधार कुमार विश्वास के कार्यक्रम में लिए जाने से ही व्यापार मण्डल को अनुमति नहीं मिल पाई थी। क्योंकि टिकट के जरिए उसने भी कार्यक्रम दिखाया जाना था और इसमें भी! तो उसमें आपत्ति और इसमें पलक पाँवड़े बिछाये जाने के पीछे राज क्या है, ये अपने आप में यक्ष प्रश्न बना हुआ है।
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