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Wednesday 28 February 2018

जीतन मांझी ने NDA छोड़ा, लालू के महागठबंधन में शामिल हुए जीतन राम और तेजस्वी मिलकर प्रेस कॉन्फ्रेंस…

पटना। मांझी के आवास पर बंद कमरे में हुई बैठक यह फैसला लिया गया। तेजस्वी के साथ बैठक के बाद जीतन राम मांझी ने कहा कि हम एनडीए से अलग हो गए हैं। हम अब महागठबंधन में जाएंगे। बुधवार शाम जीतन राम और तेजस्वी मिलकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में टूट हो गई है। जीतन राम मांझी की पार्टी हम (हिन्दुस्तानी वाम मोर्चा) एनडीए से अलग होकर आरजेडी के महागठबंधन में शामिल हो गई। बुधवार को लालू यादव के बेटों तेजस्वी-तेज प्रताप यादव और आरजेडी नेता भोला यादव की जीतन राम मांझी के साथ बंद कमरे में मीटिंग हुई।

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मांझी से मुलाकात के बाद तेजस्वी यादव ने कहा कि वे महागठबंधन में आए हैं। उनका स्वागत है। मांझी मेरे लिए पिता समान हैं। उन्होंने गरीबों और दलितों के लिए काम किया है।

एनडीए में उनके साथ उचित व्यवहार नहीं हो रहा था। दलितों की आवाज दवाई जा रही थी। लालू जी और मेरी मां से मांझी जी का पुराना नाता है। गरीबों और दलितों पर अत्याचार के मामले लगातार बढ़ रहे थे। मांझी की पॉलिसी पर सरकार नहीं चल रही थी।

तेजस्वी ने कहा कि जो लोग दावा करते थे कि एनडीए में टूट नहीं हो सकती। आरजेडी बिखर जाएगी। उन्हें आज जवाब मिला है। जेडीयू में भी लगातार टूट हो रही है। हाल ही में जेडीयू विधायक सरफराज पार्टी से अलग होकर आरजेडी में शामिल हुए थे।

जीतन राम मांझी काफी समय से एनडीए से नाराज चल रहे थे। जहानाबाद सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए भी मांझी ने टिकट पर अपनी दावेदारी पेश की थी लेकिन उनकी पार्टी को टिकट नहीं मिला। इसके बाद मांझी ने कहा था कि एनडीए में सबको कुछ न कुछ मिल रहा है। एक हम ही है जिसे कुछ नहीं मिला।

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एनडीए ने जीतन राम की पार्टी हम को 2015 के विधानसभा चुनाव में 20 सीटें दी थीं लेकिन उसे एक सीट पर ही जीत मिली। मांझी दो सीट पर चुनाव लड़े थे जिसमें से एक पर उन्हें जीत मिली। मंगलवार को आरजेडी नेता भोला यादव ने जीतन राम मांझी को खुला ऑफर दिया था। इसके बाद बुधवार को मुलाकात हुई।

2014 लोकसभा चुनाव में जेडीयू की करारी हार के बाद नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद नीतीश के करीबी जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया गया।

सीएम बनने के बाद मांझी और नीतीश में दूरियां बढ़ने लगीं। मांझी लगातार विवादों में घिरे रहे। कभी अपने फैसलों की वजह से तो कभी अपने बयानों के कारण। 2015 में जनता दल (यू) ने जीतन राम मांझी से इस्तीफा देने कहा उनके मना करने पर उन्हें पार्टी से बाहर होना पड़ा और नीतीश कुमार फिर से सीएम बने।

मई 2015 में मांझी ने अपनी नई पार्टी हम का गठन किया और विधानसभा चुनाव एनडीए के साथ मिलकर चुनाव लड़ा। इस समय विधानसभा में मांझी अपनी पार्टी के इकलौते विधायक हैं। नीतीश कुमार के एक फिर से एनडीए में शामिल होने के बाद से ही मांझी के एनडीए छोड़ने की अटकलें लगने लगी थीं।

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