पलवल। ब्रज क्षेत्र से लगते जिला पलवल में 16 मई से शुरू हुई बृज चौरासी की परिक्रमा में अब श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है। हालांकि दिन के समय तापमान अधिक होने के कारण परिक्रमा मार्ग में श्रद्धालु कम ही दिखाई देते हैं, क्योंकि गर्मी के चलते श्रद्धालु विश्राम के लिए शिविरों में रुक जाते हैं। सुबह और शाम के समय परिक्रमा मार्ग भर जाता है।
भगवान में आस्था रखने वाले कुछ श्रद्धालु तो इस 84 कोस 264 किलोमीटर की परिक्रमा को गर्मी की परवाह ना करते हुए नंगे पैर पूरी कर रहे है तो कुछ कपड़े और जूते आदि पहनकर परिक्रमा कर रहे है। पिछले चार-पांच दिनों से बढ़े तापमान का असर परिक्रमा में भी देखने को मिल रहा है। दिन के समय जहां परिक्रमा मार्ग सूना पड़ा रहता है, वहीं शम होते ही श्रीकृष्ण गोविंद हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेवा व गिर्राज महाराज के जयकारों से मार्ग गूंज उठता है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए ग्रामीणों व समाज सेवी संगठनों की ओर से भंडारे आदि का आयोजन भी किया जा रहा है।
जहां श्रद्धालुओं को सब्जी, पूड़ी, मिठाई, मीठा पानी, नींबू पानी व हलुआ प्रसाद आदि की व्यवस्था मिल रही है। इसके अलावा गर्मी के मौसम के चलते श्रद्धालुओं को कई जगहों पर टैंट आदि लगाकर चिकित्सा व दवाईयों आदि की भी व्यवस्था दी जा रही है। गांव बंचारी, सौनहद, डकौरा, खाम्बी व हसनपुर आदि में दर्जनों स्थानों पर पूरा दिन भंडारों का आयोजन किया जा रहा है। गांवों से निलकने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए ग्रामीण अपने हाथों से झाडू लगाकर रास्तों की साफ सफाई के कार्य में जुटे रहते हैं।
परिक्रमा में होते हैं ब्रजमंडल के दर्शनः-
ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा में पलवल जिले के होडल, राजस्थान के भरतपुर की डीग व कामां, उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले का पूरा क्षेत्रफल आता है। परिक्रमा के अंदर 1300 से अधिक गांव, 1000 सरोवर, 48 वन, 24 कदंब खंडियां, अनेक पर्वत, यमुना घाट एवं अन्य महत्वपूर्ण स्थल हैं।
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