जानसठ/मुजफ्फरनगर। प्रधानमंत्री सड़क योजना के अंतर्गत बनने वाली सड़कों की भले ही पांच साल की गारंटी हो, लेकिन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़कर यह सड़क एक सप्ताह में ही टूट गई। इतना ही नहीं सड़क कागजों में करीब छह माह पूर्व तैयार हो चुकी है, लेकिन अभी तक काम पूरा नहीं हो सका है। ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा गांवों को कस्बों और शहरों से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री सड़क योजना लागू हुई थी। इसके अंतर्गत बनने वाली सड़क के टूटने की पांच साल तक ठेकेदार की जिम्मेदारी होती है। इस योजना के अंतर्गत गांव तिसंग से जानसठ तक की करीब 8.25 किमी सड़क का निमार्ण किया जा रहा है। वैसे तो यहां लगे बोर्ड के अनुसार यह सड़क 23 दिसंबर 2017 में ही बनकर तैयार हो गई है और इसका अनुरक्षण भी 23 दिसंबर 2022 तक दिया गया है।
लेकिन सड़क पर इतनी घटिया सामग्री का उपयोग किया जा रहा है कि सड़क बनने के एक सप्ताह के भीतर ही टूट गई। बोर्ड पर जो मोबाइल नंबर दिया गया है वह भी गलत है ताकि कोई शिकायत भी न कर सके। सवाल यह है कि लगाए गए बोर्ड के अनुसार सड़क का निमार्ण यदि छह माह पूर्व ही हो चुका है तो फिर अभी तक सड़क पर काम कैसे चल रहा है। नियमानुसार सड़क की चैड़ाई भी 2.75 मीटर है लेकिन कुछ जगह पर इसकी चैड़ाई काफी कम कर दी गई है। सड़क पर जितना सामान गिरना चाहिए था उतना नहीं गिरा है। कस्बे के मोहल्ला बुध बाजार निवासी सभासद सुनील कुमार, अश्वनी चैधरी, विकास गुप्ता, विवेक उपाध्याय आदि ने डीएम से मिलकर शिकायत करने का निर्णय किया है। उनका कहना था कि यदि सरकारी संस्था ही विकास कार्यो में धांधली करेगी तो फिर सही काम कैसे होगा। मामला संज्ञान में है। ठेकेदार को अपने खर्च पर सड़क का पुनरू हाट मिक्स प्लांट से निर्माण कराने के निर्देश दिए गए हैं।
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