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Saturday, 16 June 2018

माडल आवासीय विद्यालय के निर्माण मे 200 लाख घोटाले की जांच टी.ए.सी से

आदिवासियो को सुलभ व गुणवत्तापुर्ण शिक्षा से वंचित कर रही सरकारी मशीनरी।
 आठ वर्ष से निर्माणाधीन है चोपन  ब्लॉक के पिपरखाड मे एकलव्य माडल आवासीय विद्यालय
म्योरपुर/सोनभद्र।  जनपद-सोनभद्र के आदिवासियो को शिक्षित करने व सस्ती तथा सुलभ शिक्षा कराने के उद्देश्य से वर्ष 2011 मे चोपन ब्लाक के पिपरखांड गांव मे शासनादेश दिनांकः03.02.2011द्वारा  एकलव्य माडल आवासीय विद्यालय की नीव रखी गयी थी। उक्त विद्यालय मे पठन-पाठन का कार्य सत्र 2016 से प्रारम्भ होना था परन्तु सरकारी मशीनरी की लापरवाही व  निर्माण कार्य मे व्याप्त भ्रष्टाचार के कारण से पठन-पाठन सम्भव नही हो पाया। समय-समय पर कार्यदायी संस्था को विद्यालय के निर्माण कार्यो के अंर्तर्गत विभिन्न निर्माण कार्यो हेतु कुल 1137.46 लाख रुपये कि धनराशि शासन द्वारा  स्वीकृति कर कार्यदायी संस्था को उपलब्ध कराया गया था व इसके अन्यत्र 401.09 लाख रुपये की राशि बाउन्ड्री वाल व वि्द्युतिकरण हेतु आवंटित की गयी थी परन्तु समय से निर्माण कार्य पुर्ण न होने व पठन-पाठन शुरु न होने पर एनएसयुआई जिलामहासचिव अंकुश दुबे द्वारा जिलाधिकारी सोनभद्र को शिकायती पत्र प्रेषित किया गया था जिसमे समाज कल्याण अधिकारी द्वारा निर्माण कार्य पुर्ण होने पर ही पठन-पाठन शुरु होने की बात स्पष्ट की गयी थी। जिसके उपरांत अंकुश दुबे द्वारा शासन स्तर पर साक्ष्य सहित प्रेषित शिकायते जो प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश शासन को भी प्रेषित की गयी थी के निस्तारण के क्रम मे निदेशक जनजाति विकास, उत्तर प्रदेश लखनऊ  द्वारा प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश शासन को प्रेषित पत्र संख्याः-88/ज.जा.वि./स्था./2018-19, दिनांकः-08 जून 2018 मे बताया गया है कि समाज कल्याण अनुभाग-3 द्वारा अपने शासनादेश दिनांकः-25.05.2018 मे विद्यालय के निर्माण राक कटिंग, रिटेनिंग वाल और प्ले फिल्ड पर कराये गये निर्माण मे 200 लाख की धनराशि गबन किये जाने की जांच टी.ए.सी से कराये जाने का निर्णय लिया गया है। वही सामाजिक कार्यकर्ता हरिनाथ खरवार द्वारा निदेशक जनजाति विकास को प्रेषित पत्र के निस्तारण मे उपरोक्त पत्रांक मे ही अवगत कराया है कि उपरोक्त गबन मामले मे जांच हेतु विभागाध्यक्ष, भुगर्भ टेक्निकल डिपार्टमेन्ट, मोतीलाल नेहरु रीजनल इंजीनयरिंग-इलाहाबाद पत्र प्रेषित किया गया था जिसके क्रम मे वर्तमान मे आख्या अप्राप्त है। उपरोक्त शिकायतो व 200 लाख के गबन को शासन द्वारा स्वीकृत कर गम्भीरता से लिये जाने व जांच कराये जाने की बात स्वीकृत कर कार्यवाही किया जाना प्रारम्भ कर दिया गया ऐसे मे अगर निष्पक्ष जांच हुई तो सम्बन्धित विभाग के अधिकारियो व कार्यदायी संस्था का नपना तय है।मामले को लेकर समाज कल्याण अधिकारी कन्हैयालाल गुप्ता का कहना है कि  निर्माण कार्य समाज कल्याण निर्माण निगम कराया है।उसमें  समाज कल्याण विभाग का कोई रोल नही।न ही जांच आदेश की मुझे जानकारी है।

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