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Friday 3 August 2018

गूगल ने आधार हेल्पलाइन नंबर सेव होने पर मांगी माफी

नई दिल्ली। एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम बनाने वाली कंपनी गूगल ने स्मार्टफोन में अपने आप आधार हेल्पलाइन नंबर सेव होने को लेकर मचे विवाद के बीच माफी मांगी है। गूगल ने कहा है कि अनजाने में स्मार्ट फोन में नंबर सेव हुआ है, लेकिन एंड्रॉयड सिस्टम हैक नहीं हुआ।

आधार की संस्था यूआईडीएआई और टेलीकॉम ऑपरेटर्स एसोसिएसन सीओएआई ने इस विवाद में साफ किया उनकी ओर से ये नंबर लोगों के फोनबुक में सेव नहीं किया गया जिसके बाद सवाल उठने लगे कि क्या देश के फोन यूजर्स पर किसी तरह का साइबर अटैक किया जा रहा है। इन सब के बीच गूगल ने इसकी जिम्मेदारी ली है।

गूगल ने बयान जारी करके कहा, ‘हमारे इंटरनल रिव्यू में सामने आया है कि साल 2014 में यूआईडीएआई और अन्य 112 हेल्पलाइन नंबर एंड्रॉयड के सेटअप विजार्ट में कोड कर दिए गए थे। य़े नंबर एक बार यूजर की कॉन्टेक्ट लिस्ट में आ जाएं तो डिवाइस बदलने के बाद भी अपने आप नए डिवाइस में आ जाते हैं।’

इसके आगे गूगल ने कहा, ” लोगों को इसके कारण हुई परेशानी के लिए हमें खेद है। लोगों को हम आश्वस्त करते हैं कि एंड्रॉयड फोन में किसी भी तरह की अन ऑथराइज्ड एक्सेस नहीं है यानी कोई एंड्रॉयड डिवाइस हैक नहीं हुआ है। इस नंबर को यूजर्स मैनुअली डिलीट कर सकते हैं। हम आने वाले एंड्रॉयड सेटएप विजार्ट से इसे हटाने पर काम करेंगे।

शुक्रवार की सुबह कई हजारों स्मार्टफोन यूजर्स को उस समय झटका लगा जब उन्होंने अपने फोन के कॉन्टेक्ट लिस्ट में आधार अथॉरिटी यूआईडीएआई का ट्रोल फ्री नंबर देखा। यूआईडीएआई का ये टोल फ्री नंबर अचानक कई स्मार्टफोन यूजर्स के फोन में डिफॉल्ट रुप में सेव हो गया। ट्विटर पर यूजर्स ने इस ऑटो सेविंग पर सवाल उठाया है। आखिर लोगों की कॉन्टेक्ट लिस्ट का एक्सेस UIDAI कैसे कर सकता है।

दरअसल आधार के 1800-300-1947 पुराने ट्रोल फ्री नंबर को 1947 से रिप्लेस कर दिया गया है। ये नंबर आज सुबह कई हजारों स्मार्टफोन यूजर्स के फोन में अचानक सेव हो गया। इसपर यूजर्स ने अपनी प्राइवेसी को लेकर सवाल उठाने शुरु कर दिए।

लोगों के फोन में शुक्रवार सुबह से ही आधार का एक टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर सेव हो रहा है। इस पूरे मुद्दे पर मचे बवाल के बीच सेल्यूलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन इंडिया ने बयान जारी किया है, सीओएआई ने साफ किया है कि लोगों के फोनबुक में यूआईडीएआई का एक नंबर जो खुद सेव हो रहा है इससे टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों का कोई लेना-देना नहीं है। किसी सर्विस प्रोवाइडर कंपनी की ओर से यूजर्स के फोन बुक में नंबर सेव नहीं किया जा रहा है।

वहीं, दूसरी ओर यूआईडीएआई ने कई ट्वीट करके कहा कि मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि 1800-300-1947 नंबर लोगों के फोन में बिना उनकी इजाजत सेव हो रहा है। इसे आधार का हेल्पलाइन नंबर बताया जा रहा है। हम साफ करते हैं कि 18003001947 यूआईडीएआई का टोल फ्री नंबर नहीं है। लोगों को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है।

उन्होंने आगे कहा कि यूआईडीएआई ने किसी भी टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर को इस तरह के नंबर लोगों को मुहैया कराने के लिए नहीं कहा है। हमारा आधार हेल्पलाइन नंबर 1947 है जो अभी एक्टिव है। यूआईडीएआई एक बार फिर साफ करता है कि हमने किसी भी टेलीकॉम कंपनी या मोबाइल कंपनी को ये निर्देश नहीं दिए कि लोगों के फोन से 1947 नंबर को खुद-ब-खुद 18003001947 से रिप्लेस किया जाए।

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