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Tuesday, 28 August 2018

राम मंदिर मसले से पीछे हटने को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के कट्टरपंथी बना रहे दबाव : वसीम रिजवी

लखनऊ। शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी का कहना है कि अयोध्या राम मन्दिर मुद्दे मामले में सुप्रीम कोर्ट से बोर्ड का दावा वापस लेने के लिए उन पर अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर कट्टरपंथी मुस्लिमों द्वारा दबाव बनाया जा रहा है। इसके लिए अभी उन्हें कभी धमकाया जा रहा है तो कभी फतवे के जरिए कदम पीछे लेने के लिए डराया जा रहा है।
बता दे कि रिजवी का यह बयान शिया समुदाय के सर्वाच्च धर्मगुरू इराक के अयातुल्लाह अल सैयद अली अल हुसैली अल सिस्तानी के उस फतवे के बाद आया है, जिसमें कहा गया कि शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वक्फ की सम्पत्ति को राम मंदिर या किसी भी प्रकार के धार्मिक स्थल के निर्माण के लिए नहीं दे सकते हैं।
शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने कहा कि उन पर अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के कट्टरपंथी मुसलमानों द्वारा इस लिए दबाव बनाया जा रहा है ताकि शिया वक्फ बोर्ड डर के अपना हलफ़नामा सुप्रीम कोर्ट से वापस ले ले।
उन्होंने कहा कि इसी कारण पहले दाऊद इब्राहीम द्वारा मुझे मारने की धमकी दी गई। फिर दाऊद के पांच लोग मेरी हत्या करवाने के लिए भेजे गए जो कि गिरफ्तार कर लिए गए। फिर पाकिस्तान से जमाअते इस्लामी से धमकी भरा मेल आया जिसमें कहा गया कि मेरी मौत पर पाकिस्तान में जश्न मनाया जाएगा। अब इराक से आयतुल्लाह शीस्तानी साहब का फ़तवा आया है।
रिजवी ने कहा कि शिया वक्फ बोर्ड अयोध्या में राम मंदिर बनाए जाने का समर्थन करता है और शिया वक्फ बोर्ड भारतीय संविधान के बने कानून के तहत चलेगा। वह आतंकियों के दबाव व डर और फ़तवे के अनुसार नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि आयतुल्लाह शीस्तानी साहब का फ़तवा उन्हें गुमराह करके मंगवाया गया है, जिससे शिया वक्फ बोर्ड पर दबाव बनाया जा सके। हम इसको नहीं मानते।
रिजवी ने कहा कि राम मन्दिर, राम जन्म भूमि अयोध्या में बनाया जाना हिन्दू समाज की आस्थाओं के अनुसार उनका अधिकार है और शिया वक्फ बोर्ड अपनी जिम्मेदारी देश हित में निभा रहा है।
गौरतलब है कि शिया वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या में राम मंदिर बनाए जाने का समर्थन करते हुए हलफनामा दायर किया है। रिजवी का दावा है कि सुप्रीम कोर्ट में शिया वक्फ बोर्ड के सुन्नी पक्षकारों से अलग रूख रखने से बाबरी के पैरोकारों का पक्ष कमजोर कमज़ोर हो गया है। इस लिए उन पर तरह-तरह दबाव बनाए जा रहे हैं।

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