नई दिल्ली। बचत और ठीक ठाक रिटर्न के लिहाज से अक्सर लोग बैंक के सेविंग अकाउंट का चयन करते हैं। आज के समय में बैंक में सेविंग अकाउंट खुलवाना काफी आसान भी हो चुका है। हालांकि अक्सर लोग बैंक में अपना सेविंग अकाउंट खुलवाने से पहले एक बार यह जरूर चेक करते हैं कि उन्हें जमा पर कितना ब्याज मिलेगा। इसी को जानने के बाद ही वो बैंक में अपना सेविंग अकाउंट खुलवाते हैं। बैंकों के सेविंग अकांउट पर मिलने वाली ब्याज दर 3.5 से 6 फीसद तक होती है, जो कि बैंक के आधार पर अलग अलग होती है।
लेकिन इस समान्य जानकारी के बीच आपके लिए अब यह जानना भी जरूरी है कि बैंक सेविंग अकाउंट पर किस तरह का चार्ज या फीस लेते हैं। इसकी पुष्टि हो जाने के बाद ही आपको खाता खुलवाने का फैसला लेना चाहिए। इनमें से कुछ ऐसे शुल्क होते हैं जिनके बारे में बैंक अक्सर आपको जानकारी नहीं देते हैं। हम अपनी इस खबर के माध्यम से आपको बैंक के सेविंग अकाउंट पर लगने वाले शुल्क के बारे में जानकारी दे रहे हैं।
कैश लेनदेन पर शुल्क: बैंक से पैसों की निकासी करना हर बार मुफ्त नहीं होता है। अधिकांश बैंकों में पहले चार फ्री ट्रांजैक्शन के बाद प्रति हजार रुपए ट्रांजैक्शन पर 5 रुपए की दर से चार्ज लगता है। वहीं एटीएम से पैसों की निकासी पर भी यही सीमा लागू है।
चेक बाउंस हुआ तो देना होगा शुल्क: अगर आपकी ओर से जारी किया गया चेक बाउंस होता है को इसके एवज में बैंक आपसे एक निश्चित शुल्क वसूलता है। यह चार्ज 200 रुपए से लेकर 800 रुपए तक हो सकता है। यह चार्ज बैंक और इस बात पर निर्भर करता है कि चेक किस वजह से क्लियर नहीं हुआ है।
इंटरनेट बैंकिंग फीस: लगभग हर बैंक अपने खाताधारकों को इंटरनेट बैंकिंग की सुविधा भी उपलब्ध करवाता है। इस पर भी शुल्क देना होता है। इंटरनेट बैंकिंग के जरिए किए गए कुछ हाई वैल्यू ट्रांजैक्शन पर बैंक चार्ज लगाते हैं। एनईएफटी, आईएमपीएस और आरटीजीएस का इस्तेमाल फंड ट्रांसफर के लिए किया जाता है और इन पर चार्ज लगता है। एनईएफी या आईएमपीएस के जरिए पैसा भेजने के लिए आपको 5 रुपए से लेकर 25 तक भुगतान करना पड़ेगा। चार्ज इस बात वहीं आरटीजीएस के जरिए पैसा ट्रांसफर करने पर यह चार्ज 30 रुपए से लेका 55 रुपए के बीच हो सकता है।
खाते में मिनिमम बैलेंस न मेंटेन करने पर शुल्क: देश के अधिकांश बैंक एवरेज मंथली बैलेंस मेनटेन न करने पर खाताधारकों से शुल्क (चार्ज) वसूलते हैं। इसे पेनाल्टी भी कहा जाता है जो कि 100 रुपए से लेकर 650 रुपए तक हो सकती है। बैंकों की ओर से यह शुल्क इसलिए लगाया जाता है क्योंकि बैंक आपके खाते को चालू रखने के लिए खर्चा करती है।
डेबिट कार्ड पर भी देना होता है शुल्क: इसे सामान्य भाषा में एटीएम कहा जाता है। सभी बैंक खाता खुलवाने के बाद इसे खाताधारकों को उपलब्ध करवाते हैं। जानकारी के लिए आपको बता दें कि बैंक डेबिट कार्ड के लिए इश्यूएंस फीस (जारी करने की फीस) और एनुअल मेन्टेनेंस फीस चार्ज करते हैं। यह चार्ज 100 रुपए से लेकर 800 रुपए तक हो सकता है। यह अकाउंट के प्रकार पर भी निर्भर करता है।
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