बाराबंकी। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के हैदरगढ़ थाना में तैनात यूपी पुलिस की महिला सिपाही मोनिका ने अपने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। रविवार सुबह उसका शव फांसी पर लटका मिला। मृतका के पास से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है, जिसमें उसने एसएचओ तथा सिपाही पर मानसिक तौर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है।
हरदोई जिले की मूल निवासी आरक्षी मोनिका 2016 बैच की सिपाही थी। वह करीब एक वर्ष से हैदरगढ़ कोतवाली में तैनात थी। जानकारी के मुताबिक मोनिका पंजाब नेशनल बैंक के पास किराए का कमरा लेकर रह रही थी। रविवार को उसका शव कमरे में फांसी के फंदे पर लटका मिला। कमरे से एक सुसाइड नोट भी मिला। आरक्षी मोनिका ने सुसाइड नोट में लिखा है कि उसे मानसिक तौर पर परेशान किया जा रहा था। मृतका ने अपने सुसाइट नोट में लिखा कि वह थाना हैदरगढ़, बाराबंकी में आरक्षी के पद पर नियुक्त हैं। उसे कार्यालय में सीसीटीएनएस पर कार्यरत होने के बावजूद भी बार-बार बाहर ड्यूटी लगाकर टार्चर किया जाता है। जबकि बाकी सीसीटीएनएस पर कार्यरत लोगों की कही बाहर ड्यूटी नहीं लगती है। मोनिका ने लिखा है कि डिपार्टमेंट में अगर कुछ खुद के साथ गलत हो रहा है तो उसका विरोध भी करना गुनाह है। यहां तो जो भी हो रहा है चुपचाप सहते जाओ, तब ही शायद सभी खुश रहते हैं।
जब उसने विरोध किया तो कार्यालय में मौजूद कांस्टेबल मो. रूखसार अहमद और एसएचओ परशुराम ओझा उसे मानसिक तौर पर परेशान करने लगे। यही नहीं रजिस्टर पर गैर हाजिरी भी लगा दी गई। मोनिका ने लिखा है कि 29 सितंबर को जब वह अपनी छुट्टी लेकर एसएचओ के पास गई तो उन्होंने रजिस्टर फेंक दिया और बोले कि हम छुट्टी नहीं देंगे।
मोनिका ने लिखा है कि मुझे समझ नहीं आता है कि आखिर जिन छुट्टियों पर हमारा हक है उनके लिए भी हमें उच्च अधिकारियों के सामने भीख मांगनी पड़ती है। आखिर कब तक यह सब कर्मचारियों को झेलना पड़ेगा। मोनिका ने लिखा है कि अगर आज छुट्टी दे दी गई होती तो यह कदम नहीं उठाना पड़ता और आज नहीं रोना व परेशान होना पड़ता। मोनिका ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि सॉरी मम्मी-पापा जो भी आप लोगों के साथ गलत किया, हो सके तो मुझे इस हरकत पर माफ कर देना।
पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।
No comments:
Post a Comment