नई दिल्ली। चीन ने मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि वह नशीद द्वारा उसके विरुद्ध दिए गए ‘गैरजिम्मेदाराना बयान’ से आहत है। मालदीव में चीनी निवेश के कठोर आलोचक नशीद ने मीडिया को दिए साक्षात्कारों में कहा था कि बीजिंग समर्थक राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन की हार के बाद देश निश्चित ही चीन से हुए करारों के बारे में सोचेगा और भारत के साथ अपने संबंधों में सुधार करेगा।
नशीद ने यह भी कहा था कि चीन जैसे तानाशाह देश के लिए मालदीव जैसे लोकतांत्रिक देश को समझ पाना मुश्किल है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग से नशीद के बयान के बारे में पूछे जाने पर कहा, “हम कुछ लोगों द्वारा दिए गए गैर जिम्मेदाराना बयान से काफी निराश हैं और इन पर अफसोस जताते हैं। हम दोहराते हैं कि हम समानता और आपसी लाभ के आधार पर अपना सहयोग जारी रखेंगे। हम बाजार आधारित नियम का पालन करेंगे।”
उन्होंने कहा, “मालदीव और चीन के बीच सहयोग क्या आगे बढ़ेगा या यह दोनों देश को सहायता पहुंचाएगा, यह दोनों देशों के लोगों पर हैं और इसे कुछ लोगों द्वारा बदनाम नहीं किया जा सकता।” यामीन के नेतृत्व में मालदीव चीन के इतने करीब आ गया था कि मालदीव संसद ने बिना किसी बहस के बीजिंग के साथ मुक्त व्यापार समझौता स्वीकार कर लिया था। यामीन ने चीन की बेल्ट एवं रोड परियोजना का भी समर्थन किया था और देश में और अधिक चीनी निवेश की इच्छा जताई थी।
पिछले हफ्ते चुनाव के बाद सत्ता में आई मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी देश में चीन के दखल की आलोचक रही है। चीन को चिंता है कि नई सरकार यामीन के अंतर्गत किए गए सौदों पर फिर से बातचीत कर सकती है।
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