फतेहपुर। जनपद में चलाये जा रहे अतिक्रमण अभियान में भले ही विकास की तस्वीर दिखाई दे रही हो लेकिन इस अभियान से आम आदमी से लेकर व्यापारी वर्ग खासा प्रभावित हो रहा है। अतिक्रमण अभियान में बड़ी संख्या में लोगो के आशियाने छीन गए तो बड़े बड़े व्यापारिक प्रतिष्ठान भी बर्बाद हो गए। अचानक लोगो पर इस तरह से ऐसी मुसीबत आ जायेगी इसको लेकर जनपद वासी अचंभित है वहीं इस तरह की बर्बादी के लिए सरकार और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के ऊपर नाराजगी भी है। जिसका असर निश्चिन्त रूप से आगामी चुनाव में पड़ना तय है। लोगो की सबसे अधिक नाराजगी की वजह जिले के सांसद एवं केंद्रीय राज्यमन्त्री एवं सदर विधायक से है जिनके द्वारा इस कठिन समय पर जनता से न तो संवाद किया जा रहा है और न ही व्यपारियों की समस्या पर इनके द्वारा कोई संजीदगी दिखाई गई ऐसे में लोगो के बीच नाराजगी के साथ ही चर्चाओं का बाजार भी गर्म है। जनपद की तीनो तहसीलों में चालये जा रहे अतिक्रमण अभियान में मुख्यमार्गों के साथ बाजारों तक से अतिक्रमण हटाया जा रहा है सरकारी दस्तावेजों के अनुसार अभियान में जो मानक लिया जा रहा हूं वह जनता के लिये कौतूहल से कम नही है। सरकारी नाप में लोगो के बड़ी संख्या में व्यापारिक प्रतिष्ठान समाप्त हो गए या अपना अस्तित्व खो चुके है तो वहीं बड़ी संख्या में लोगो के आशियाने भी छिन गए। बरसात के मौसम में चालये जा रहे इस अभियान में लोग बड़ी संख्या में प्रभावित हो रहे है। बारिश में आशियाने टूटने और गृहस्ती को संजोने में लोगो के आँखों से आंसू थमने का नाम नही ले रहे। बड़ी संख्या में दुकानें खत्म हो जाने से बेरोजगार हो चुके लोगो के सामने अपने परिवार को पालने की चिंता साफ देखी जा सकती है। अतिक्रमण अभियान के नाम पर जनपद में हुई तोड़फोड़ में अब तक करोडो का नुकसान हो चूका है जिसकी भरपाई शायद ही कभी हो सके। शहर की स्थिति देखने पर किसी भूकम्प या बमबारी में बर्बाद हो चुके शहर जैसी दिखाई देती है। जिन बाजारों में देर रात तक चहल पहल और रौनक दिखाई देती थी आज वहां रात्रि के समय किसी शमशान या कब्रिस्तान जैसा अँधेरा और सन्नाटा ही दिखता है। लोगो में सबसे अधिक आक्रोश जनता के वोट हासिल कर चुनाव जीतने वाले सांसद एवं केंद्रीय मंत्री और सदर विधायक समेत कोई भी जनप्रतिनिधि जनता की समस्या पर आगे नही आया जबकि सदर विधायक ने शुरूआती दौर में कुछ प्रयास किया था लेकिन वह जनता को कोई राहत नही दिला सके।जबकि केंद्रीय मंत्री ने अतिक्रमण के मुद्दे पर पूरी तरह से मुंह मोड़ रखा था जनप्रतिनिधियों के इस रवैय्ये से जनता अपने आपको ठगा हुआ महसूस कर रही है। सरकारी अमले द्वारा शहर एवं कस्बो में विभिन्न योजनाओं के तहत विकास की योजनाओं को गति देने की बात कही जा रही है बताया जा रहा है कि जनपद के विकास का खाका तैयार है जल्द ही शहर की सड़कें,सीवर लाइन, और तरह तरह के प्रोजेक्ट के माध्यम से जनपद का विकास कराया जायेगा लेकिन अपना सब कुछ लुटाने वालो के लिये कोई विस्थापन की भी योजना है इसका जवाब शायद ही किसी अफसर के पास हो। जनपद के व्यपारियो द्वारा पिछले दिनों केंद्रीय राज्यमन्त्री साध्वी निरंजन ज्योति का काफिला रोक कर अपनी समस्या को रखना चाहा परंतु जनप्रतिनिधियों का रवैया देखकर जनता हताश है। जिस विकास की तस्वीर को सामने लाने के लिये प्रशासनिक अफसर लगे हुए है वह जनता के लिए अभी तक एक सपने की तरह है। अपना सब कुछ गँवा चुके लोगो की आँखों से आंसू सूखने का नाम नही ले रहे तो वहीं जनप्रतिनिधियों एवं सत्ता पक्ष के नेताओ द्वारा जनता की सुधि न लिए जाने पर आक्रोश व्याप्त है।
Post Top Ad
Monday, 3 September 2018
अतिक्रमण अभियान में जनप्रतिनिधियों की भूमिका पर जनता में आक्रोश
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment