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Monday, 17 September 2018

शिक्षित समाज ही कर सकता है प्रगति : नाईक

लखनऊ। प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने सोमवार को गणेश उत्सव मण्डल द्वारा चौक के सर्राफा बाजार के कल्ली जी राम मन्दिर में आयोजित गणपति उत्सव में जाकर आरती व पूजा की तथा देश एवं प्रदेश के सुख-समृद्धि की कामना भी की।
इस अवसर पर आशुतोष टण्डन मंत्री चिकित्सा शिक्षा, प्रमुख सचिव नितिन रमेश गोकरण, पुलिस अपर महानिदेशक एस0 तरड,े भातखण्डे संगीत सम विश्वविद्यालय की कुलपति श्रुति सडोलीकर व बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण भी उपस्थित थे।
राज्यपाल ने कहा कि गणपति को विद्या के देवता के साथ-साथ बुद्धि, सुख देने वाला, दुःख को समाप्त करने वाला देवता माना जाता है। अच्छे काम का शुभारम्भ गणपति के नाम से किया जाता है। उत्तर प्रदेश में विद्या के क्षेत्र में नये परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं। गत वर्ष के दीक्षान्त समारोह में विद्यार्थियों को 15 लाख 60 हजार से ज्यादा उपाधि प्रदान की गयी, जिसमें 51 प्रतिशत छात्राएं थी। 66 प्रतिशत स्वर्ण, रजत एवं कास्य पदक छात्राओं को मिले थे। बेटियां हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। यह परिवर्तन पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा चलायी गयी योजना ‘सबको शिक्षा अभियान’ तथा वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ के परिणाम हैं। शिक्षित समाज ही प्रगति कर सकता है उन्होंने कहा कि हमें अपने देश एवं प्रदेश को आगे बढ़ाने के लिए एकजुट होकर उसकी प्रगति के लिए कार्य करना होगा।
नाईक ने गणेश उत्सव के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गणपति उत्सव की शुरूआत लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने देश को आजादी दिलाने की दृष्टि से जनता में जागृति पैदा करने के लिए की थी। बाल गंगाधर तिलक ने घर-घर में होने वाली गणेश पूजा को सामूहिक उत्सव बनाने के लिए गणेश उत्सव की शुरूआत की। आज गणेश उत्सव पूरे हिन्दुस्तान के साथ-साथ विदेशों में बसे भारतीयों द्वारा भी मनाया जाता है। अंग्रेजों ने बाल गंगाधर तिलक को असंतोष का जनक कहकर जेल में डाल दिया था। उन्होंने कहा कि बाल गंगाधर तिलक ने शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक उत्सव के रूप में मनाने की परम्परा का भी शुभारम्भ किया। राज्यपाल ने कहा कि भारत की संस्कृति एक समृद्ध संस्कृति है, जिसकी विशेषता ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ है, जहां मेरा और तेरा में विश्वास न करके उदार चरित्र का परिचय दिया जाता है।

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