>> डाक्यूमेंट्री फिल्म बना रहें सुजीत कुमार ने कोतवाली थाने में अज्ञात के खिलाफ दर्ज कराया था एफआईआर
>> फेसबुक पर पूर्व डीजीपी अभयानंद से जुड़ा किया गया था विवादित पोस्ट
>> पुलिस ने त्वरित छापेमारी करते हुये जक्कनपुर से आदित्य सिंह को किया था गिरफ्तार
>> आदित्य सिंह के पास से बरामद हुआ था अवैध पिस्टल और साक्ष्य के आधारित मोबाइल
>> आरोपी जितेन्द्र सिंह के गिरफ्तारी के बाद सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार ने किया था हंगामा
>> आदित्य सिंह हैं बेऊर जेल में सेशन कोर्ट ने नियमित जमानत कर दिया है खारिज
रवीश कुमार मणि
पटना ( अ सं ) । बिहार के पूर्व डीजीपी अभयानंद से जुड़े एक मामले में जो बातें सामने आ रहीं हैं वह पुलिस जांच के चुल्हे हिलाने वाली हैं । यह खबर चलने के बाद हंगामा होने से कोई नहीं रोक सकता ।फेसबुक पर विवादित पोस्ट कर अभयानंद के चरित्र का हनन किया गया था। एफआईआर दर्ज होने के बाद आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे डाल दिया । ठोस साक्ष्य को आधार मानते हुये सेशन जज ने जमानत खारिज कर दिया । सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार के हंगामा करने के बाद मामला हाई लाइट हो गया । आर्थिक अपराध इकाई को जांच सौंपा गया । ईओयू के पुलिस अधीक्षक ने जांच में पूर्व डीजीपी अभयानंद से जुड़े एफआईआर को फर्जी करार कर दिया हैं । जबकि आरोपी आदित्य सिंह और जीतेन्द्र, सम्भवत: बेऊर जेल में कैद हैं ।
पूर्व डीजीपी अभयानंद से जुड़े विषय पर बन रहा था डाक्यूमेंट्री फिल्म
सुजीत कुमार नामक व्यक्ति पूर्व डीजीपी अभयानंद के जीवन पर आधारित डाक्यूमेंट्री फिल्म बना रहें थे। इसी में किसी ने फेक फेसबुक अकाउंट के जरिए एक पेपर का कटिंग फेसबुक पर पोस्ट किया । जो अभयानंद से जुड़ा था। जिससे अभयानंद का चरित्र हनन हुआ एवं साइबर एक्ट का उल्लंघन था। इसको लेकर सुजीत कुमार ने अज्ञात लोगों के खिलाफ कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज किया ।
जक्कनपुर से आरोपी आदित्य सिंह हुआ गिरफ्तार
एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस जांच में जुटी तो उक्त फेक फेसबुक पर एक मोटरसाइकिल मिला ।जिसके नंबर के आधार पर पुलिस जांच आगे बढ़ी । पुलिस ने जक्कनपुर में छापेमारी करते हुये आदित्य सिंह नामक युवक को गिरफ्तार किया । गिरफ्तार आदित्य सिंह नशे में धुत था। पुलिस ने उक्त मोबाइल बरामद किया ,जांच और पूछताछ शुरू किया तो गिरफ्तार आदित्य सिंह ने जीतेन्द्र नामक व्यक्ति का नाम लिया । वहीं मोबाइल के जांच में आदित्य सिंह और जीतेन्द्र का ऑटो भवाइस रिकॉर्डिंग और एसएमएस ने सबकुछ स्पष्ट कर दिया की इस मामले में आदित्य और जीतेन्द्र दोनों शामिल हैं । पुलिस ने आदित्य के मोबाइल पर एक पिस्टल का तस्वीर देखा ।सख्ती से पूछताछ हुआ तो पिस्टल के बारे में बताया ,आदित्य सिंह के निशानदेही पर पुलिस ने छापेमारी करते हुये उक्त पिस्टल बरामद कर लिया ।कोतवाली थानाध्यक्ष के बयान पर जक्कनपुर थाने में आदित्य सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया ।
जीतेन्द्र को कोतवाली पुलिस ने किया गिरफ्तार ,फिर सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार ने किया हंगामा
आदित्य सिंह के बरामद मोबाइल में जीतेन्द्र और आदित्य के बीच बातचीत का भवाइस रिकॉर्डिंग और एसएमएस का ठोस साक्ष्य के आधार पर पुलिस ने बैंककर्मी जीतेन्द्र को गिरफ्तार कर लिया । जीतेन्द्र के गिरफ्तारी की सूचना मिलते हीं सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार कोतवाली थाना पहुंचे और हंगामा शुरू कर दिया ।आनंद कुमार का कहना था की पुलिस झूठे आरोप लगाकर गिरफ्तार किया हैं ।जबकि पुलिस ने जीतेन्द्र के रिकॉर्डिंग कॉल और एसएमएस पर मांगे नंबर ,ठोस सबूत था। सेशन कोर्ट ने ठोस आधार मानते हुये नियमित जमानत याचिका खारिज कर दिया ।आरोपी बेऊर जेल में बंद हैं ।
आर्थिक अपराध इकाई को मिली जांच का जिम्मा
कोतवाली थाने में सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार के हंगामे के बाद कई मामले ऐसे उजागर हुये की सुपर 30 और आनंद कुमार का कार्यशैली कठघरे में खड़ा हो गया । देश-दुनिया में छवि खराब हुआ ।सुपर 30 और आनंद कुमार के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका तक दाखिल हो चुका हैं । इधर सरकार ने उक्त मामले की जांच कर कार्रवाई की जिम्मेदारी आर्थिक अपराध इकाई को सौंप दिया । आर्थिक अपराध इकाई के अपर पुलिस महानिदेशक जी एस गैंगवार के आदेश से जांच पुलिस अधीक्षक ,इओयू को सौंप दिया गया । इओयू के एसपी ने पूर्व डीजीपी अभयानंद से जुड़े कोतवाली थाने के एफआईआर को जांच में फर्जी पाया हैं । जबकि आरोपी बेऊर जेल में बंद हैं ।
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