नई दिल्ली। कभी दुनिया के सबसे अमीर कहे जाने वाले सऊदी अरब के व्यापारी मान-अल साने आज बड़ी आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं। सऊदी अरब सरकार ने साने के दिए कर्ज को वसूलने के लिए उनकी संपत्ति नीलाम करने का फैसला किया है। बता दें कि फोर्ब्स मैगजीन ने 2007 में दुनिया के 100 सबसे अमीर लोगों की सूची में साने को भी शामिल किया था।
सोने की कंपनी साद ग्रुप अब दिवालिया हो चुकी है और अगले महीने उनकी संपत्ति नीलाम की जाएगी। 2009 में उनकी कंपनी साद ग्रुप कर्ज नहीं चुका पाने कारण दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गई थी। लगातार वक्त मिलने के बाद भी साद ग्रुप जब अपना कर्ज नहीं चुका सका तो पिछले साल उन्हें हिरासत में ले लिया गया।
कंपनी के दिवालिया होने के बाद से लेनदार साद ग्रुप से अपनी रकम वापस पाने के लिए कोर्ट में लड़ाई लड़ रहे थे। सऊदी अरब के इतिहास में इस कर्ज विवाद को अब तक का सबसे बड़ा विवाद माना जाता है। तीन जजों की ट्राइब्यूनल ने देनदारों की रकम चुकाने के लिए साद ग्रुप की संपत्ति के नीलामी के आदेश दिए हैं।
नीलामी की जिम्मेदारी एतकॉन समूह को दी गई। साद ग्रुप के लिए जेद्दा और रियाद में नीलामी आयोजित होगी, जिसमें ग्रुप के देश भर में कई जगहों पर फैली संपत्ति की नीलामी के लिए बोली लगेगी। नीलामी में अंदाजन 2 बिलियन रियाल (19.20 से 38 अरब रुपये) तक की बोली लग सकती है। नीलामी में आलीशान बंगलो और घर के साथ ट्रक, बस गोल्फ कोर्ट और महंगे जेसीबी वाहन भी शामिल हैं।
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