नई दिल्ली। थल सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने मंगलवार को कहा कि 23 मई को श्रीनगर में एक होटल में एक महिला के साथ पकड़े गए सैन्य अधिकारी के खिलाफ कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया शुरू की जाएगी और उन्हें उचित दंड दिया जाएगा। मेजर लीतुल गोगोई से संबंधित सवाल पर जनरल रावत ने यहां एक सैन्य समारोह से इतर संवाददाताओं से कहा, “मैं स्पष्ट रूप से कह चुका हूं कि नैतिक पतन और भ्रष्टाचार के मामले में कठोर कार्रवाई की जाती है।“
मेजर गोगोई के खिलाफ कोर्ट आफ इंक्वायरी ने दो मामलों में आरोप निर्धारित किए हैं। एक मामला दिशा-निर्देशों के बावजूद स्थानीय लोगों से दोस्ती करने और दूसरा मामला कार्रवाई क्षेत्र में ड्यूटी के समय अनुपस्थित रहने का है।
सेना प्रमुख ने कहा कि जांच में कहा गया है कि इस मामले में आरोप सिद्ध होने पर (अधिकारी के खिलाफ) कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा, “अगर इसका सीधा संबंध नैतिक पतन से है, तो हम उसके अनुसार कार्रवाई करेंगे। और अगर कोई और बात है तो हम अपराध के अनुसार सजा देंगे।“
मेजर गोगोई 23 मई को श्रीनगर के एक होटल में एक कश्मीरी महिला और सेना के लिए काम करने वाले एक आदमी के साथ पकड़े गए थे। पुलिस ने उनसे पूछताछ की थी और महिला द्वारा यह बयान देने के बाद उन्हें छोड़ दिया गया था कि वह अधिकारी के साथ अपनी सहमति से गई थी।
घटना के बाद श्रीनगर गए जनरल रावत ने कहा कि अगर मेजर गोगोई किसी मामले में दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मेजर गोगोई अप्रैल 2017 में तब चर्चा में आए थे जब उन्होंने कश्मीर घाटी के बड़गाम जिले में पत्थरबाजों के हमले से साथियों और चुनाव कर्मियों को बचाने के लिए एक कश्मीरी युवक फारूक डार को जीप के बोनट से बांध दिया था।
यह घटना पिछले साल घाटी में चुनाव के बाद हुई थी। नौ अप्रैल की इस घटना के बाद मेजर गोगोई के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था।
घाटी में हिंसा के खिलाफ प्रभावशाली कार्रवाई के लिए जाने जाने वाले मेजर गोगोई को सेना प्रमुख ने पिछले साल सैन्य प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया था।
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