नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने आचार संहिता को लेकर बड़ा फैसला करते हुए कहा कि किसी भी राज्य में अगर समय से पहले विधानसभा भंग होती है तो वहां तत्काल प्रभाव से आचार संहिता लागू हो जाएगी। इसके साथ ही वहां की कार्यवाहक सरकार कोई नई स्कीम का एलान नहीं कर सकती। सामान्य तौर पर चुनाव आयोग द्वारा निर्वाचन कार्यक्रम घोषित किये जाने के दिन से ही चुनाव आचार संहिता लागू हो जाती है। यह चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक लागू रहती है।
दरअसल हाल ही में तेलंगाना में मुख्यमंत्री ने समय से पहले चुनाव कराने का फैसला किया और विधानसभा भंग कर दी थी। इसी के मद्देनजर चुनाव आयोग ने यह फैसला लिया है। तेलंगाना में भी आयोग के फैसले के बाद से आचार संहिता लागू मानी जायेगी। चुनाव कार्यक्रम घोषित होने से पहले ही किसी राज्य में आचार संहिता लागू होने का शायद पहला उदाहरण होगा।
आयोग ने इस मामले में व्यवस्था से जुड़े प्रश्न पर स्थिति को स्पष्ट करते हुये केन्द्रीय मंत्रिमंडलीय सचिवालय और सभी राज्यों के मुख्य सचिव को स्पष्टीकरण भेजा है। इसमें कहा गया है कि समय से पहले विधानसभा भंग होने पर संबद्ध राज्य की कार्यवाहक सरकार के अलावा केन्द्र सरकार भी उस राज्य से जुड़े मामलों में आचार संहिता से आबद्ध होगी।
आयोग ने आचार संहिता के प्रावाधानों का हवाला देते हुये कहा है कि इस तरह की स्थिति में संहिता के भाग सात के अनुसार राज्य में विधानसभा भंग होने के साथ ही आचार संहिता प्रभावी हो जाती है और चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक लागू रहती है। ऐसे में राज्य की कार्यवाहक सरकार और केन्द्र सरकार संबद्ध राज्य के जुड़ी कोई नयी परियोजना की घोषणा नहीं कर सकेगी।
आयोग ने कहा कि यह व्यवस्था उच्चतम न्यायालय के 1994 के उस फैसले के अनुरूप है जिसमें कार्यवाहक सरकार को सिर्फ सामान्य कामकाज करने का अधिकार होने का स्पष्ट प्रावधान किया गया है। ऐसी स्थिति में कार्यवाहक सरकार कोई नीतिगत फैसला नहीं कर सकती है। आयोग ने स्पष्ट किया कि ऐसे में गैर आधिकारिक उद्देश्यों के लिये आधिकारिक संसाधनों का इस्तेमाल सहित अन्य प्रतिबंध कार्यवाहक सरकार और केन्द्र सरकार के मंत्रियों एवं अन्य अधिकारियों पर बाध्यकारी होंगे।
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