नई दिल्ली। देशभर में आज भी पूरे हर्षोल्लास के साथ श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की धूम मची हुई है। हर कोई नटखट माखन चोर और राधा के श्याम के रंग में रंग चुके हैं। सिर्फ देश ही में नहीं दुनिया के कई कोनों में कृष्ण जन्माष्टमी बड़े धूमधाम से मनाई जाती है। बता दें कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भादो माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को हुआ था। उनके जन्मदिन को ही श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाते हैं।
यह कलियुग की 52वीं सदी है। भगवान कृष्ण का धरती पर अवतरण हुए 5243 साल बीत गए। उनके प्राकट्य के 5244वें वर्ष में सांवरे की धरती पर हर तरफ-झंगा झोली पालकी, जै कन्हैया लाल की-गूंज सुनाई दे रही है। गोपेश्वर की इस लीला को देखने के लिए मथुरा-वृंदावन में भक्तों का सैलाब उमड़ रहा है।
कई जगह रविवार को भी मनाई गई जन्माष्टमी
कई लोगों और ब्रज के कुछ मंदिरों में रविवार को ही जन्माष्टमी मनाई गई। हालांकि कई लोग आज जन्माष्टमी मना रहे हैं। इस अवसर पर कृष्ण की झांकियां भी लगाई गई हैं, बच्चे भी राधा-कृष्ण बनकर कई सांस्कृतिक कार्यक्रम में नजर आते हैं।
कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई नेताओं ने देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं।
– राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट कर कहा, ‘जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर मैं सभी भारतवासियों को बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। भगवान कृष्ण के जीवन और शिक्षाओं का सबके लिए एक प्रमुख संदेश है; ‘निष्काम कर्म’। जन्माष्टमी का यह पर्व हमें मन, वचन और कर्म से शील और सदाचार के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दे।’
माना जाता है कि श्रीकृष्ण भगवान ने भाद्रपद माह के कृष्णपक्ष तिथि के अर्धरात्रि यानी आधी रात ठीक 12 बजे जन्म लिया था। भगवान नारायण के इस अवतार का मुख्य उद्देश्य मथुरा के राजा कंस के बढ़ते अत्याचार को खत्म करके उसका विनाश करना था। साथ ही धरती पर धर्म की स्थापना करना था। उन्होंने कंस की बहन देवकी की कोख से जन्म लिया। इस दिन बहुत से भक्त व्रत रखते हैं और 12 बजे रात को कृष्ण का जन्म करते हैं।

No comments:
Post a Comment