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Tuesday 2 October 2018

हिंसा नहीं ,शपथ के साथ, हाथ में गांधी पुस्तक लिये सूबे के जेलों से रिहा हुये 45 कैदी

 सूबे के सभी जेलों में मनाया गया महात्मा गांधी जी की 150 वीं जयंती समारोह

 मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दिये विचार पर गृह मंत्रालय कैदियों को दे रहीं विशेष परिहार लाभ, तीन चरणों में मुक्त होगे कैदी

रवीश कुमार मणि

पटना ( अ सं ) ।  बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ,कानून का राज को लेकर शुरू से ही पक्षधर रहें हैं ।सीएम नीतीश कुमार ,महात्मा गांधी जी के उस विचार को दिल में रखते हैं -अपराधी नहीं अपराध से घृणा करनी चाहिए । 17 जून 2018 को नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की चौथी बैठक में सीएम नीतीश कुमार ने अपने अभिभाषण में कहां था की-

   भारत में विशेष अवसरों पर सामूहिक क्षमा की प्रथा रहीं हैं । गांधी जी के 150 वीं जयंती के अवसर पर हमारा सुझाव होगा की गंभीर मामले में संलिप्त विचारधीन कैदी ,अथवा दोषसिद्ध अपराधी को छोड़कर ,छोटे मामलों में विहित प्रक्रिया अपनाते हुये सामूहिक क्षमादान देने पर विचार किया जा सकता हैं ।इसमें महिला कैदी अथवा ऐसे कैदी जिनकी उम्र 80 वर्ष से अधिक हैं ,उसको प्राथमिकता दी जा सकती है। इसके लिए अगर कानून में कोई प्रावधान करने की आवश्यकता है तो उस पर विचार किया जा सकता हैं ।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दिये सुझाव के आलोक में, गृह मंत्रालय से परामर्श के बाद कैदियों को विशेष परिहार का लाभ दिया जा रहा हैं । तीन चरणों में कैदियों को रिहा किया जाएगा । इसमें 2 अक्टूबर 2018 ,6 अप्रैल 2019 एवं 2 अक्टूबर 2019 हैं । प्रथम चरण में गांधी जी के 150 वीं जयंती के अवसर पर सूबे के जेलों में बंद 45 कैदियों को हिंसा नहीं करने के शपथ के साथ, सरकार द्वारा उपहार स्वरूप गांधी पुस्तक भेट कर रिहा किया गया । रिहाई के पश्चात कैदियों ने जेल में महात्मा गांधी जी के तस्वीर पर मालार्पण किया गया । एक सप्ताह पूर्व से ही सीबे के सभी जेलों में कैदियों को महात्मा गांधी जी का पाठ एवं उपदेशों को सुनाया जा रहा था।   
   भारत  सरकार ने कैदियों को 2 अक्टूबर 2018 से लेकर 2 अक्टूबर 2020 तक ,जिन्होंने जेल में सजा के दौरान अच्छा व्यवहार किया हैं उसे विशेष परिहार लाभ देकर रिहाई  का निर्णय लिया हैं ।यह विशेष परिहार और बंदियों की रिहाई, राष्ट्रपिता एवं उनके मानवीय मूल्यों जिसके पक्ष में महात्मा गांधी सदैव खड़े रहें के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि के रूप में अर्पित की जा रहीं हैं ।

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