नई दिल्ली: दाती महाराज रेप केस में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने साकेत कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है. दाती और उसके तीन सौतेले भाइयों का नाम चार्जशीट के कॉलम नंबर 11 में आरोपी के तौर पर है, लेकिन क्राइम ब्रांच को दाती महाराज को गिरफ्तार करने के पर्याप्त सबूत नहीं मिले हैं. क्राइम ब्रांच सूत्रों के मुताबिक पीड़िता ने पाली आश्रम में जिन तीन तारीखों पर उसके साथ रेप होने की FIR दर्ज कराई थी, उसमें से एक तारीख को लड़की पाली में मौजूद ही नहीं थी. लड़की उस समय अजमेर में अपने कॉलेज में मौजूद थी, जिसके सबूत कॉलेज में पीड़िता की हाजिरी से पता लगे हैं.
वहीं दिल्ली आश्रम में जिस तारीख को दाती पर पीड़िता ने रेप का आरोप लगाया था, उस दिन शनि अमावस्या थी और दाती भस्म लगाकर पूजा हवन में शामिल था और सैकड़ों की तादात में पीड़िता सहित आश्रम की अन्य लड़कियां और अनुयायी भी मौजूद थे. उस दिन भी कोई ऐसा सबूत पुलिस को नही मिला जो यह साबित करे की पीड़िता के साथ दाती के जोर जबरदस्ती की. इस मामले में दाती के सहयोगी जिन-जिन लोगो से क्राइम ब्रांच ने पूछताछ की थी और उनके इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स मोबाइल फोन बरामद कर फॉरेंसिक जांच करवाई थी, उससे भी अहम जानकारी हाथ लगी है.
दाती महाराज और उसके भाइयों के पोटेंसी टेस्ट भी कराए गए जो पॉजिटिव आए. चार्टशीट में कुछ लोगों के साथ दाती महाराज के पैसे के विवाद की तरफ भी इशारा किया गया. चार्जशीट में पीड़िता के मजिस्ट्रेट को और पुलिस को दिए गए सीआरपीसी 161,164 के बयान को आधार बनाया गया है. पीड़िता ने जून महीने में दाती और उसके भाइयों के खिलाफ रेप का मुकदमा दर्ज कराया था.
पीड़ित लड़की ने ये भी आरोप लगाए थे कि वह 2005 में अपने परिवार के साथ दाती मदनलाल राजस्थानी के संपर्क में आई. उसके बाद वह आश्रम में ही रहने लगी और पढ़ाई का खर्च भी महाराज उठाने लगा. दो साल पहले 9 नवरी 2016 को चरण सेवा के नाम पर दिल्ली के फतेहपुर बेरी इलाके के शनिधाम आश्रम में उसका रेप किया गया.
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