मिर्जापुर। प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पुलिस कर्मियों द्वारा एक निजी कम्पनी के मैनेजर विवेक तिवारी की गोली मार कर हत्या किये जाने के विरोध में अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज कल्याण समिति ने जिला प्रशासन को पांच सूत्री पत्रक सौंपा। सौंपे गये पत्रक में हत्या की सीबीआई जांच एवम मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी देने के साथ ही मुआवजा में एक करोड़ दिए जाने की मांग की गयी है। वक्ताओं ने वारदात को कानून और सरकार के साख की हत्या बताया।
पत्रक सौंपने के पूर्व नगर के रतनगंज मोहल्ले में आयोजित बैठक में समिति के प्रांतीय अध्यक्ष कैलाश नाथ दुबे ने लखनऊ में रखवालों द्वारा एक निर्दोष व्यक्ति के सिर में गोली मार कर हत्या किये जाने की तीखे शब्दों में निंदा की। कहा कि यह एक व्यक्ति नहीं बल्कि कानून, मानवता और विश्वास की हत्या है। आम जनता खाकी वर्दी वालों के पास न्याय के लिए जाती है। जिसे चन्द लोगों ने चकनाचूर कर दिया। उन्होंने कहा कि एक सिपाही के पास पिस्टल का मिलना उसकी दबंगई का परिचायक है। धीमी गति से गुजर रही कार को सिपाहियों ने किस मकसद से रोकने का प्रयास किया यह जांच का विषय है। कानून के विपरीत सीधे सिर पर गोली मारना साजिशन हत्या का संकेत करता है। श्री दुबे ने आरोपी सिपाहियों की सम्पत्ति की जांच कराने की भी मांग उठाई।
समिति के जिलाध्यक्ष डॉ0 गणेश प्रसाद अवस्थी ने कहा कि सेवा के लिए अपनी पहचान वाली पुलिस विभाग के साख पर दो मनबढ़ों ने धब्बा लगाने का काम किया है। इसकी जितनी निंदा की जाय वह कम है। खाकी की आड़ में अपराध करने वालों ने अपनी करतूत से पुलिस विभाग और योगी सरकार को कठघरे में खडा कर दिया है।
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Monday 1 October 2018
लखनऊ में विवेक के हत्या पर भड़का ब्राह्मण समाज, सौंपा पत्र
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