गलत ,फर्जी एवं अश्लील वीडियो ,वायरल नहीं करने का आईजी ने किया अपील ,अगर ऐसी कुछ है तो एसएसपी को सौंपे ,सत्यता जांच के बाद होगी कार्रवाई
>> झूठी ,प्रचार -प्रसार कर बिहार पुलिस की छवि को खराब करनेवाले भी नहीं जाएंगे बक्शे
>> पुलिस लाईन हिंसा और बबाल में जुड़े चार पुलिसकर्मी और हुये बर्खास्त,और पर गिरेगी गाज
रवीश कुमार मणि
पटना ( अ सं ) । महिला रंगरूट, संगीता पाठक की बीमारी से मौत के बाद पटना पुलिस लाईन में हुये हिंसा ,तोड़फोड़ ,उपद्रव को लेकर स्वयं डीजीपी के एस द्विवेदी सख्त हैं । उन्होंने चार दिन पूर्व ही ” तरूणमित्र” से बातचीत में स्पष्ट कर दिया था, अनुशासन तोड़ने वाले और लापरवाह पुलिस पदाधिकारियों को बक्शा नहीं जाएगा । पुलिस मुख्यालय द्वारा मिलें निर्देश के आलोक में जोनल आईजी नय्यर हसनैन खां ने पटना के एसएसपी मनु महाराज के नेतृत्व में एसआईटी गठित किया हैं और त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया हैं । आईजी ने कहां की बिहार पुलिस अक्सर साहसी और सराहनीय कार्य किया हैं ।जिसको लेकर केन्द्र और राज्य सरकार से सम्मानित हुई हैं । बिहार पुलिस की प्रथम प्राथमिकता रहीं हैं सुरक्षित समाज, और इस कर्तव्य का हम सही पालन करते रहें हैं ।
आईजी एन एच खां ने कहां की पुलिस लाईन में हिंसा और उपद्रव मामले में जो जांच रिपोर्ट ,पुलिस मुख्यालय को सौंपी गयी हैं वह निष्पक्ष ,पारदर्शिता और ठोस सबूत के आधार पर हैं । घटना में शामिल लोगों पर प्रशासनिक कार्रवाई की गयी हैं ,आगे भी यह कार्रवाई होगी । हिंसा और तोड़फोड़के चार एफआईआर दर्ज हुये हैं । इस मामले में दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई के लिए पटना एसएसपी के नेतृत्व में एसआईटी गठित किया गया हैं ।मालूम हो की जोनल आईजी नय्यर हसनैन खां ने घटना में शामिल 175 पुलिसकर्मी को सेवा से बर्खास्त, दो दर्जन से अधिक को निलंबित किया हैं । इसके बाद रिपोर्ट के आधार पर पुलिस मुख्यालय ने 94 पुलिसकर्मी को जोन ट्रांसफर ,पुलिस लाईन के डीएसपी मो मुसल्लद्दीन को भी मुख्यालय बुला लिया गया हैं । डीएसपी मो मुसल्लद्दीन,हिंसा में जख्मी होने के कारण इलाज में चल रहें हैं । वहीं रिपोर्ट के आधार पर चार और पुलिसकर्मी की सेवा बर्खास्त किया गया हैं ।
आईजी ने कहां की लोकतंत्र में सभी को अपनी उचित बातें रखने का अधिकार है, इसके लिए प्लेटफार्म संवैधानिक प्लेटफार्म बनें हुये हैं ।जो दोषी होते है उनके खिलाफ कार्रवाई होती हैं ।लेकिन ,झूठ और भाम्रक बातें का कोई वजूद नहीं होता । पुलिस लाईन हिंसा और उपद्रव मामले में जो आरोपी रंगरूट बर्खास्त किये हैं उन्होंने पूर्व में वरीय पुलिस अधिकारियों को क्यों शिकायत नहीं किया ।आज भी वह वरीय पुलिस अधिकारी को सबूत के आधार पर शिकायत दें ,दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी । यह कहना की हमें यह बताया गया था की किसी के सर पर लाठी मारना ।यह आरोप और सोच ही पुरी तरह से गलत हैं । पुलिस नागरिक की सुरक्षा और बदमाशों को गिरफ्तार कर कोर्ट को सौंपती है, कोर्ट कानून के अनुसार सजा देती हैं । आईजी ने कहां की वरीय पुलिस अधिकारियों का हर एक ब्रीफ, पुलिस के लिए ट्रेनिंग होती हैं ।
वायरल वीडियो पर आईजी एन एच खां ने कहां की बिहार पुलिस का गौरवांवित इतिहास रहा हैं ।कुछ लोग झूठी और भ्रामक वीडियो वायरल कर बिहार पुलिस की छवि को खराब करना चाह रहें हैं ,इसके लिए सोशल मीडिया को माध्यम बनाया जा रहा हैं ।मैं तमाम बुद्धिजीवी और आम नागरिकों से अपील करता हूं की ऐसी किसी तरह का वीडियो वायरल नहीं करें जिससे समाज में पुलिस के प्रति गलत संदेह उत्पन्न हो व संदेश जाएं। अगर ऐसी कोई वीडियो और फोटो हैं तो पटना के एसएसपी को सौंपे ।उसे फॉरेंसिक लैब में भेजकर सत्यता की जांच कराई जाएगी और सत्य रहने पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी । वहीं जो लोग झूठी वीडियो वायरल कर पुलिस की छवि को खराब करने की कोशिश करेंगे उन्हें भी नहीं छोड़ा जायेगा ।
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