सुलतानपुर। स्वामी विवेकानंद जी ने भारत की मृत प्राय हो रही संस्कृति को न केवल पुनर्जीवित करने का बीड़ा उठाया, बल्कि पूरे विश्व की उस धारणा को भी मिथ्या साबित कर दिया जिसमें भारत को अंधविश्वासों का देश कहा जाता था।
यह बातें रामकृष्ण मिशन द्वारा आयोजित युवा सम्मेलन में के.एन.आई.टी. सभागार मेँ लखनऊ से आये रामकृष्ण मिशन अध्यक्ष स्वामी मुक्तिनाथानंद जी महाराज ने व्यक्त किए। शिकागो धर्म संसद में स्वामी विवेकानंद द्वारा दिए गए भाषण की 125 वीं वर्षगांठ पर आयोजित युवा सम्मेलन को संबोधित करते हुए स्वामी मुक्तिनाथानंद जी महाराज जी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी कहते थे कि किसी भी देश का विकास उसकी युवाओं के आध्यात्मिक, मानसिक व शारीरिक विकास पर निर्भर करता है। इसलिए प्रत्येक युवा को यह चाहिए कि वह स्वयं बलशाली होते हुए समाज व राष्ट्र को समृद्ध शाली बनाने में अपना सहयोग प्रदान करें। स्वामी जी ने कहा कि शिकागो धर्म सँसद मेँ स्वामी विवेकानंद जी के सम्बोधन ने विश्व मेँ भारत की गलत पहचान को बदलकर हिन्दू धर्म को पुर्नजीवित कर भारतीय सँस्कृति के गौरव को बढाया।
युवा सम्मेलन को संबोधित करते हुए पूर्व प्राचार्य रमाशंकर पांडेय जी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी ने हताश और निराश भारतीयों को जगाने का काम किया। प्रबंधक ओम प्रकाश पांडे बजरंगी ने कहा कि भारतीय संस्कृति व उसके गौरवशाली अतीत को जानने के लिए हम सबको स्वामी विवेकानंद की जीवनी व उनके कथन को पढ़ना चाहिए। राँची से आए स्वामी भवेशानन्द जी महाराज ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी ने सर्वधर्म समभाव की सीख विश्व को दी। प्रोफेसर डॉ. राधेश्याम सिंह ने युवाओं को स्वामी विवेकानंद के पद चिन्हों पर चलने की अपील की। श्री सिह ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी समन्वय वाद की आत्मा है। इस अवसर पर स्वामी मुक्तिनाथानंद जी ने युवाओं को परस्पर एकता, शांति व सद्भाव की सीख देते हुए साहसी व एक बनो, नेक बनो का संकल्प दिलाया। कार्यक्रम के पूर्व स्वामी मुक्तिनाथानंद जी महाराज व अन्य सन्यासी गणों ने भगवान रामकृष्ण, मां शारदा व स्वामी विवेकानंद जी के चित्र पर पुष्प माला अर्पित कर पूजन किया। कार्यक्रम में स्वामी एकतत्वानन्द जी, सजल भौमिक जी, ज्ञान प्रकाशजी, अमरीश मिश्रा आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का सँचालन कर रहे विवेकानंद युवा सँघ के सँयोजक विवेक शर्मा ने स्वामी विवेकानंद जी के विचारों पर प्रकाश डालते हुए युवाओं को कहा कि सम्पूर्ण शक्ति आपमेँ विद्ममान है, उसे पहचान कर अपना आध्यात्मिक, मानसिक विकास करे। डा. हीरा सिह ने अतिथियों तथा युवाओं का धन्यवाद व्यक्त किया। रामकृष्ण मिशन अध्यक्ष स्वामी मुक्तिनाथानन्द जी महाराज ने समाजसेवी करतार केशव, ओमप्रकाश पाँडेय बजरंगी, डा. राधेश्याम सिह, को स्वामी विवेकानंद जी का चित्र व उपहार स्वरूप पौधा भेँट किया।
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