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Friday 9 November 2018

आर्थिक इमरजेन्सी ’’नोटबन्दी’’ के लिये माफी माँगे भाजपा सरकार : मायावती

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने नोटबंदी से किसी भी घोषित उद्देश्यों की आज दो वर्ष पूरे होने के बाद भी पूर्ति न होने की बात करते हुए भाजपा की मोदी सरकार से माफी माँगने की माँग की है। मायावती ने कहा है कि बीजेपी की देश में पहली बनी पूर्ण बहुमत की सरकार जनहित व जनकल्याण के लगभग हर महत्वपूर्ण मामले में घोर विफलताओं के कारण पूर्ण रूप से ’’वादाखिलाफी की सरकार’’ के रूप में ही हमेशा याद की जायेगी।
मायावती ने आईपीएन को भेजे अपने बयान में कहा है कि बीजेपी मंत्रियों की भ्रामक व मिथ्या प्रचार वाली बयानबाजियों को छोड़कर जितने भी तथ्य व आँकड़े मौजूद हैं वे सभी यह चीख-चीख कर बता रहे हैं कि काफी अपरिपक्व तरीके से पूरी आपाधापी में देश की जनता पर ज़र्बदस्ती थोपे गये ’’नोटबन्दी’’ से वह कुछ भी प्राप्त नहीं हुआ है जिसका दावा सरकार ने इसको लागू करते समय काफी बड़बोले तौर पर किया था अर्थात् ’’नोटबन्दी’’ देश व यहाँ की जनता के लिये बीजेपी के अन्य वायदों की तरह ही एक पूरी तरह से और धोखा ही साबित हुआ है।
मायावती ने कहा कि जहाँ एक तरफ इस ’’नोटबन्दी’’ ने सर्वसमाज के तमाम मेहनतकाश व ईमानदार लोगों की कमर तोड़ दी है तथा रोजगार आदि का काफी ज्यादा बुरा हाल किया है, तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी एण्ड कम्पनी के तमाम चहेतों ने इसी बहाने अपने-अपने कालेधन को विभिन्न उपायों के माध्यम से बैंकों में जमा करके उसे सफेद कर लिया है, यह जनता खुली आँखों से देख रही है। इतना ही नहीं बल्कि स्वंय बीजेपी ने भी पार्टी के तौर पर देशभर में अकूत सम्पत्ति अर्जित कर ली है, यह भी जनता की नजर में है।
मायावती ने कहा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार थोपी गई जबर्दस्त ’’नोटबन्दी’’ की आर्थिक इमरजेन्सी एक व्यक्ति की अपनी मनमानी व अहंकार का नतीजा थी, आज यह कटू सत्य भी देश व दुनिया के सामने प्रकट है। इसीलिये इसे अपरिपक्व तरीके से लागू किये जाने के घोषित परिणाम अब तक नहीं आ पाये हैं और ना ही शायद कभी आ ही सकते हैं। इसलिये बीजेपी सरकार को अपना अहंकार त्यागकर देश की जनता से इस आर्थिक इमरजेन्सी व राष्ट्रीय त्रास्दी के लिये खुले दिल से माफी माँग लेनी चाहिये, यह बी.एस.पी. की माँग है ताकि इस सम्बन्ध में आवश्यक सुधार का रास्ता थोड़ा साफ हो सके।
मायावती ने कहा कि इसके अलावा केन्द्र की बीजेपी सरकार द्वारा विभिन्न लोकतांत्रिक, संवैधानिक व स्वायत्तशासी संस्थाओं से अनावश्यक टकराव का हठीला रवैया भी त्यागने की सख्त ज़रूरत है क्योंकि इन सब कारणों से देश को लगातार अपूर्णीय क्षति हो रही है तथा इससे आमजनहित भी काफी ज्यादा प्रभावित हो रहा है। कुल मिलाकर देश में लोकसभा आमचुनाव से पहले केन्द्र की बीजेपी सरकार तमाम गलत कारणों से सुर्खियों में बनी हुई है जिससे देशहित बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है और वर्तमान हालात में इसके लिये बीजेपी की सरकार विपक्षी पार्टियों को भी नहीं कोस सकती है क्योंकि यह सब इनके अपने गलत कर्मों का ही फल हैं।

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